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उपजिलाधिकारी के पेशकार ने आदेश की कापी देने के एवज मे मांगा 12 हजार रुपये की रिश्वत

लखनऊ। प्रदेश के नये मुख्यमंत्री जहाँ एक ओर भ्रष्टाचार मिटाने और कर्मचारियों से अपनी कार्य संस्कृति बदलने के लिए रोज नये आदेश जारी कर रहे हैं वहीं मलिहाबाद तहसील मे लम्बे समय से तैनात कुछ कर्मचारी अभी भी पुराने ढर्रे पर ही काम कर रहे हैं। इसका ताजा उदाहरण एसडीएम के पेशकार की धन उगाही की कार्यशैली है। इसके अलावा यहाॅ एक रजिस्ट्रार कानूनगो भी एक दशक से तैनात है उसके कार्यालय मे सबसे अधिक भ्रष्टाचार व्याप्त है। उक्त कर्मचारी ने तो अनेकों कृषक दुर्घटना बीमे की फाइले ही रिश्वत के न मिलने पर जिलाधिकारी एवं बीमा कम्पनी के पास नहीं भेजी। और पीड़ित आज भी उसके चक्कर लगाते देखे जा सकते हैं।
तहसील क्षेत्र के मड़वाना गांव निवासी किसान शिव बहादुर सिंह पुत्र बच्चू सिंह ने उपजिलाधिकारी के पेशकार पर आदेश की कापी देने के एवज मे 12 हजार रूपये मांगने का आरोप लगाया है। किसान द्वारा लिखित शिकायत किये जाने के बाद उपजिलाधिकारी नीलम सिंह ने पेशकार आशीष कुमार को कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन दिन मे स्पष्टीकरण मांगा है। पीड़ित किसान ने हदबरारी कराने के लिए कुछ समय पहले उपजिलाधिकारी न्यायालय मे मुकदमा दायर किया था। जिस पर कई माह पूर्व आदेश पारित हो गया था परन्तु उक्त आदेश को पेशकार ने दबा दिया और सम्बन्धित लेखपाल और कानूनगो को उपलब्ध नहीं कराया। तब लेखपाल व कानूनगो ने हदबरारी कराने से इन्कार कर दिया था। आदेश की प्रति लेने के लिए पीड़ित किसान महीनों पेशकार के चक्कर काटता रहा परन्तु आदेश की प्रति नहीं दी। बाद में आदेश की प्रति देने के लिए किसान से 12 हजार रूपये रिश्वत की मांग कर दी। तब किसान ने पेशकार की लिखित शिकायत उपजिलाधिकारी से की।

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