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विकास व बुलडोजर पर बहस

यदि मुख्य विपक्षी इस विषय पर प्रतिक्रिया व्यक्त ना करते, तो शायद यह विषय चुनाव में इतना चर्चित ना होता। विपक्ष ने बुलडोजर पर तंज कसे। इसे बाबा का बुलडोजर बताया गया। बुलडोजर की सरकार का खिताब दिया गया। यह भी कहा गया कि उनकी सरकार बनने पर ध्वस्त की गई सम्पत्ति का निर्माण करा के दिया जाएगा। इस तरह सपा और भाजपा इस मुद्दे पर भी आमने सामने आ गई।

  • Published by- @MrAnshulGauravWritten by- Dr. Dilip Agnihotri
  • Saturday, 05 Febraury, 2022
    डॉ दिलीप अग्निहोत्री

चुनाव के दौरान विकास का मुद्दा पहले भी महत्वपूर्ण रहा है। लेकिन, इस बार उत्तर प्रदेश चुनाव में विकास के साथ बुलडोजर भी शामिल हो गया है। चुनावी इतिहास में पहली बार बुलडोजर की एंट्री हुई है। वस्तुतः इसको विचारों के धरातल पर रेखांकित किया जा रहा है। यहां भाजपा और सपा मुख्य मुकाबले में है। करीब डेढ़ दशक तक यूपी में मुख्य मुकाबला सपा बसपा के बीच रहा है। दोनों के अपने अपने समीकरण थे। इस पूरी अवधि में जन आकांक्षा अधूरी रही। इसलिए मतदाता सरकारों में बदलाव करते रहे। इन प्रयोगों से परेशान होकर पिछली बार मतदाताओं ने भाजपा को अवसर दिया था।

डेढ़ दशक में पहली बार ऐसा लग रहा है कि मतदाता सत्ता पक्ष से नाराज नहीं है। जबकि, सपा-बसपा के दौर में स्थिति इसके विपरीत रहती थी। जिसकी सरकार होती उसके विरुद्ध लोगों की नाराजगी खुल कर सामने आ जाती थी। जिसको बहुमत प्रदान किया जाता था,उसको दहाई की संख्या में पहुंचा दिया गया। सपा और बसपा दोनों को ऐसी नाराजगी झेलनी पड़ी थी। अब परिस्थितियां बदल चुकी है। भाजपा एक बार फिर दावेदार है। उसके सामने सपा है। मुकाबला वैचारिक आधार पर है। बुलडोजर मात्र मशीन के रूप में नहीं है। यह कानून व्यवस्था की एक प्रतीक बन चुकी है। योगी आदित्यनाथ ने हजारों करोड़ रुपये की अवैध सम्पत्ति पर बुलडोजर चलवाये थे। इसके माध्यम से उन्होंने माफिया अराजक और बाहुबलियों के कठोर सन्देश दिया था।

मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने कानून व्यवस्था को ठीक करने पर जोर दिया था। उनका कहना था बेहतर कानून ब्यवस्था का सर्वाधिक महत्व रहता है। क्योंकि इसके बाद ही विकास का माहौल बनता है। पिछली सरकारों ने इस तथ्य पर ध्यान नहीं दिया है। इस लिए उत्तर प्रदेश विकास में पीछे रह गया था। योगी का यह फार्मूला सार्थक रहा। प्रदेश में विकास के अनेक रिकार्ड कायम हुए। पैंतालीस कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में यूपी नंबर वन हो गया। मेडिकल कॉलेज और एयर पोर्ट एक्सप्रेस वे निर्माण में उत्तर प्रदेश ने सत्तर वर्षों के आंकड़ों को पीछे छोड़ दिया। जाहिर है कि बुलडोजर विकास के अनुरूप माहौल बनाने का प्रतीक बन गया।

यदि मुख्य विपक्षी इस विषय पर प्रतिक्रिया व्यक्त ना करते, तो शायद यह विषय चुनाव में इतना चर्चित ना होता। विपक्ष ने बुलडोजर पर तंज कसे। इसे बाबा का बुलडोजर बताया गया। बुलडोजर की सरकार का खिताब दिया गया। यह भी कहा गया कि उनकी सरकार बनने पर ध्वस्त की गई सम्पत्ति का निर्माण करा के दिया जाएगा। इस तरह सपा और भाजपा इस मुद्दे पर भी आमने सामने आ गई। मतदाताओं के लिए ऐसी स्थिति सहज होती है। उनके लिए विकल्प को चुनना आसान हो जाता है। योगी आदित्यनाथ अपनी प्रत्येक जनसभा में बुलडोजर का मुद्दा उठा रहे है। उनका कहना है कि सरकार बनने पर विकास और बुलडोजर साथ साथ चलेंगे। मतलब कानून व्यवस्था को मजबूत रखा जाएगा। तभी प्रदेश विकास की दिशा में प्रगति करेगा। योगी ने कहा कि चुनाव से पहले यूपी में का बा कहने का प्रयास किया गया। जबकि सरकार विकास जनकल्याण व कानून व्यवस्था मजबूत बना कर आगे बढ़ रही है।

अपराधियों पर हुई सख्त कार्रवाई को जनता देख रही है,उसके बेहतर परिणाम का अनुभव कर रही है। यूपी में ‘का बा’ कहने वालों को जवाब मिल रहा है। उन्होंने स्वीकार कर लिया है कि यूपी में बाबा हैं, उनका बुलडोजर है और बिना भेदभाव सबका विकास भी है। सरकार ने इसी धारणा से कार्य किया है। इसलिए बिना भेद-भाव के लोगों को योजनाओं से लाभान्वित किया जा रहा है।

बुंदेलखंड में पेयजल संकट और पूर्वी उत्तर प्रदेश में इंसेफेलाइटिस की समस्या दशकों से चली आ रही थी। यहां के लोगों ने इस त्रासदी को अपनी नियति मान ली थी। वर्तमान सरकार ने इन दोनों समस्याओं का समाधान किया। इसका लाभ पूरे बुंदेलखंड व पूरे पूर्वी उत्तर प्रदेश को मिल रहा है। इसमें कोई भेदभाव नहीं है। पूर्वी उत्तर प्रदेश दशकों तक मच्छर व माफिया के चलते बदनाम था। दोनों का उपचार कर इस बदनामी से मुक्ति दिलाई गई है। योगी ने कहा कि मच्छर और माफिया के खिलाफ उनकी लड़ाई पच्चीस वर्ष पहले प्रारम्भ हुई थी। अब यह लड़ाई अंतिम विजय की ओर अग्रसर है। यहां माफिया,अपराधी गरीबों,व्यापारियों की सम्पति हड़प लेते थे, गुंडा टैक्स की वसूली होती थी। अब ऐसा करने की कोई हिम्मत नहीं कर सकता।

इसी तरह इंसेफेलाइटिस से मौतें होती थीं। अब इस पर पूरी तरह काबू पा लिया गया है। इंसेफेलाइटिस की ही तरह कोरोना को भी नियंत्रित किया गया। वर्तमान भाजपा सरकार ने सड़क,बिजली,पानी, खाद कारखाना,एम्स, चीनी मिल विश्वविद्यालय कॉलेज का निर्माण कर रही है। सभी तीर्थ स्थलों का व्यापक विकास किया गया। इससे पर्यटन व तीर्थाटन दोनों को बढ़ावा मिल रहा है। अयोध्या में प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर बन रहा है। अयोध्या में दिव्य दीपोत्सव,मथुरा, वृंदावन व बरसाना में भव्य रंगोत्सव और काशी में विहंगम देव दीपावली का आयोजन होता है। गरीब कन्याओं की शादी के लिए सरकार इक्यावन हजार देती थी। जिसे बढ़ाकर एक लाख रुपये करने जा रहे हैं। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के खातों में ग्यारह सौ रुपये भेजे गए। यूनिफॉर्म,बैग, कॉपी किताब, जूता मोजा, स्वेटर सब कुछ उन्हें मुफ्त मिला है। बेटी के जन्म से पढ़ाई तक के लिए सरकार पंद्रह हजार रुपये देती है इस धनराशि को बढ़ाकर पचीस हजार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कन्या सुमंगला योजना से ग्यारह लाख बेटियों को लाभ मिल रहा है।

साठ वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को परिवहन निगम की बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा मिलेगी। फसलों को बचाने के लिए गोवंश आश्रय स्थल खोले गए हैं। इसके साथ ही अब उसके गोबर का सदुपयोग किया जाएगा। अभी रसोई गैस भरवाना पड़ता है। आने वाले दिनों में गोबर गैस की सप्लाई घर घर सुनिश्चित की जाएगी। इससे गोवंश का संरक्षण भी होगा। गोमाता भी बचेंगी और अन्नदाता किसानों की फसल भी सुरक्षित रहेगी। पूर्वी उत्तर प्रदेश में दो दो विश्वविद्यालय दिए गए हैं। प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय का शिलान्यास राष्ट्रपति ने पिपराइच में किया था। बालापार में भी गुरु गोरखनाथ के नाम पर विश्वविद्यालय का निर्माण कराया गया है। अब यहां के युवाओं को मेडिकल, नर्सिंग, फार्मेसी, आयुर्वेद आदि किसी भी तरह की पढ़ाई के लिए बाहर जाना नहीं पड़ेगा। पिपराइच को चीनी मिल का उपहार भी मिला है। इस क्षेत्र में डिग्री कॉलेज, इंटर कॉलेज, आईटीआई, बिजली, सड़क, पुल, आवास, राशनकार्ड आदि सुविधाओं की लंबी श्रृंखला है।

आने वाले समय में जिनके आवास रह गए हैं उन्हें तो आवास मिलेगा ही। जिनके पास आवास बनाने के लिए जमीन नहीं है उन्हें भी पटा देकर मकान का उपहार दिया जाएगा। कन्या सुमंगला योजना के तहत  बेटी को उसकी शिक्षा के लिए पन्द्रह हजार की जगह पच्चीस हजार, वृद्धजनों,विकलांग और विधवा को बारह हजार बढ़ाकर अठारह हजार रुपये सालाना पेंशन की व्यवस्था की गई है। योगी ने कहा कि बहराइच में महाराज सुहेलदेव ने सालार मसूद गाजी को हराया था। सुना है कि उनके किले पर अवैध कब्जा हो रहा है। दस मार्च के बाद इसे कब्जा मुक्त कराया जाएगा। महाराज सुहेलदेव के नाम पर बहराइच में भव्य स्मारक और मेडिकल कालेज बनवाया जा रहा है। योगी ने आरोप लगाया कि महाराज सुहेलदेव के नाम पर राजनीति करने वाले उनके विचारों के विपरीत आचरण कर रहे हैं। महाराज सुहेलदेव का अनुयायी गजनी और मोहम्मद गौरी के समर्थकों के साथ खड़ा नहीं हो सकता है। वह राष्ट्रवाद के साथ खड़ा होगा।

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