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भारत की जीत का जश्न मनाना भी गुनाह ? पटाखे फोड़ रहे दलित युवक को मुस्लिमों ने बुरी तरह पीटा…

क्या भारत में ‘भारत’ की जीत का जश्न मानना भी गुनाह है ? क्या भारत में रहने वाले कुछ लोगों के दिल में आज भी पाकिस्तान बसता है ? ये सवाल गुजरात की एक हैरान करने वाली घटना से खड़े हो रहे हैं।दरअसल, एशिया कप में 11 सितंबर 2023 को खेले गए मुकाबले में भारत ने पाकिस्तान को बुरी तरह पटखनी दी थी। जिसके बाद भारतीय टीम की जीत के जगह-जगह लोग जश्न में डूब गए। गुजरात के सूरत में भी एक दलित युवक ने भी पटाखे फोड़कर इस जीत का जश्न मनाया। लेकिन, इस पर कुछ मुस्लिम युवक आगबबूला हो गए और बैट व स्टंप से पीट-पीटकर दलित युवक को घायल कर दिया।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटना सूरत के सैयदपुरा मार्केट क्षेत्र की है, जो मुस्लिम बहुल इलाका माना जाता है। भारत-पाकिस्तान मैच खत्म होने के बाद रात को लगभग 11 बजे दलित युवक इस जीत का जश्न मनाते हुए पटाखे फोड़ रहा था। इसी दौरान कुछ मुस्लिम युवक वहाँ आ पहुंचे और जाति सूचक टिप्पणी व गालियाँ देते हुए पीड़ित युवक से पटाखे फोड़ने का कारण पूछने लगे। इसी गाली-गलौच के बीच वहाँ मुस्लिम युवकों की भीड़ इकठ्ठा हो गई। इसके बाद भीड़ ने बैट और स्टंप से दलित युवक को बेरहमी से पीट डाला। बुरी तरह से घायल होने के बाद युवक किसी प्रकार भागता हुआ अपने घर पहुँचा, मगर कट्टरपंथियों की भीड़ उसे मारने के लिए पीछा करती हुए उसके घर भी जा पहुंची। वहाँ पहुँचकर भीड़ ने दलित युवक के घर में भी काफी तोड़फोड़ मचाई। सूचना मिलने के बाद लालगेट पुलिस मौके पर पहुँची।

पीड़ित दलित युवक की शिकायत पर पुलिस ने जातिसूचक गालियाँ देने वाले और मारपीट करने वाले आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इसकी जानकारी देते हुए पुलिस ने कहा कि पूरी घटना CCTV कैमरे में दर्ज हो गई है। हालाँकि, दलित युवक पर हमला करने वाले सभी मुस्लिम युवक मौके से फरार बताए जा रहे हैं। पुलिस ने जल्द ही सभी की पहचान कर अरेस्ट करने का आश्वासन दिया है। वहीं, मुस्लिमों ने भी दलित युवक के खिलाफ शिकायत दी है। सैयदपुरा निवासी शाहरुख आफताब मिर्जा ने आरोप लगाया है कि बच्चे सड़क पर क्रिकेट खेल रहे थे। इसलिए उन्होंने हिन्दू युवकों से पटाखे नहीं फोड़ने के लिए कहा था। आफताब का आरोप है कि, इसी दौरान हिंदू युवक और उसके दो दोस्तों ने उसे पीट दिया। पीड़ित हिन्दू युवक का कहना है कि वह वाहन चलाकर परिवार की आर्थिक मदद करने का प्रयास करता है। बीते 15 वर्षों में उस पर तीसरी बार इस तरह का हमला हुआ है। उसने कहा कि वर्ष 2021 में भी उस पर हमला हुआ था, मगर इस मामले में पुलिस ने उसकी शिकायत तक दर्ज नहीं की थी। फिर, उसे अदालत जाना पड़ा, तब जाकर कोर्ट के दबाव में पुलिस को FIR दर्ज करना पड़ा था।

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