मैं आज जब प्रपंच चबूतरे पर पहुंचा तो चतुरी चाचा के साथ ककुवा व बड़के दद्दा विराजमान थे। मेरे पीछे से कासिम चचा व मुन्शीजी भी पधार गए। चतुरी चाचा ने बतकही शुरू करते हुए कहा- मौसम बिल्कुल होलिकाना हो गया है। शुक्रवार को आंधी-पानी के साथ छुटपुट ओलबृष्टि हुई थी। इससे खेती-बाड़ी को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। वैसे कल से मौसम साफ है। ठंडक भी बोरिया-बिस्तर बांध कर निकलने वाली है। रबी की फसल लहलहा रही है। बस, फसल कटने तक मौसम साथ दे दे। अब आंधी-पानी और ओलबृष्टि कतई न हो। वरना, फसलों को बड़ा नुकसान हो जाएगा।
ककुवा बोले- चतुरी भइय्या, सही कहेव। अब जौ आँधी-पानी-पाथर आवा तौ बड़ा नुकसान होय जाई। अबसिला गेंहू, जौ, अरहर, सरसों, मसूर, चना, मटर, फल अउ सब्जी केरी फ़सलें बड़ी अच्छी हयँ। आलू अउ गन्ना पिछले साल ते नीक हय। बसि, इन फ़सलन पय मौसम केरी मार न परय। बाकी हर इच्छा नारायन की। इसी बीच चंदू बिटिया ताजा पानी और देसी मट्ठे की बरिया (दही बड़ा) लेकर आ गई।
हम सबने स्वादिष्ट बरिया ख़ाकर पानी पीया। चंदू खाली बर्तन लेकर घर वापस जाने लगी, तब ककुवा ने उसे टोका- बिटिया, का आजु चाय कट होय गई? चंदू के जवाब देने के पहले ही चतुरी चाचा बोले- आज चाय नहीं मिल पाएगी। क्योंकि, चंदू की मम्मी कल शाम बरिया बनाने के बाद मायके चली गयी थी। वह 5-6 दिन बाद वापस आएगी। उसके भाई प्रधानी लड़ रहे हैं। वह वहां अपनी सखी-सहेलियों से मिलकर भाई के लिए समर्थन जुटाएगी। तबतक चंदू की बुआ भोजन-पानी के लिए यहाँ रहेंगी।
मुन्शीजी ने यूपी के पँचायत चुनाव की चर्चा करते हुए कहा- आरक्षण को लेकर बड़ा बवाल चल रहा है। तमाम लोग अपनी सीट के आरक्षण को गलत बता रहे हैं। कई स्थानों के आरक्षण का मामला न्यायालय में पहुंच गया है। न्यायालय ने अगली सुनवाई तक आरक्षण को अंतिम रूप देने से रोक दिया है। देखो, कहीं आरक्षण के चक्कर में पँचायत चुनाव आगे न बढ़ जाएं।
उन्होंने कहा- मैं तो जातिगत आरक्षण के विरुद्ध हूँ। चाहे स्कूल-कॉलेज में प्रवेश हो, चाहे नौकरी हो और चाहे चुनाव हो। कहीं भी जातिगत आरक्षण नहीं होना चाहिए। देश में 70 साल से जातिगत आरक्षण लागू है। अब आरक्षण जाति/धर्म विहीन होना चाहिए। सिर्फ गरीब, महिला व दिव्यांग को आरक्षण दिया जाना चाहिए। हम सबने मुन्शीजी के विचार को उचित ठहराया।
कासिम चचा ने कहा- आजकल सुबह-शाम दरवाजे पर बैठना मुश्किल हो गया। जैसे ही प्रधान पद का उम्मीदवार दरवाजे से हटता है, वैसे ही क्षेत्र पँचायत या जिला पँचायत का प्रत्याशी टपक पड़ता है। पूरी पँचायत में स्नेह और सम्मान की हिलोरें उठ रही हैं। जो लोग कभी किसी से जैराम/सलाम नहीं करते थे, वो लोग आजकल पैर के अंगूठे छू रहे हैं। गाँव के नशेड़ियों को हर प्रकार का नशा मुफ्त में मिल रहा है। उम्मीदार व उनके खासमखास लोग बीड़ी, सिगरेट, गुटखा और शराब अभी से बांट रहे हैं। गांव में मांसाहारियों की खूब चांदी है।
चचा ने बताया कि ग्राम पंचायत के प्रत्याशियों ने अपना नलकूप, ट्रैक्टर-ट्राली, कार व मोटरसाइकिल आदि जनता की सेवा में लगा रखा है। कुछ उम्मीदवारों ने तो अपने घर की पर्दानशीन औरतों को भी प्रचार में उतार दिया है। सुना है कि होली में कई उम्मीदवार चीनी-खोआ, रंग-गुलाल और कपड़ा वितरित करने की जुगत में हैं।
ककुवा बोले- अब गांव कय जनता बड़ी होशियार होय गय। लोग उम्मीदवारन का जर्सी गइया समझिके खूब दूहि रहे। जौनु उम्मीदवार दुआरे आवत हय। लोग वहिके वफादार बन जात हयँ। अब वोटर खुलत नाइ। एक जमाना ऊह रहय। जब सबके समहे हाथ खड़ा कयके परधान चुना जात रहय। अब तौ गुप्त मतदान हय। सबके नीक बने रहौ। जिह्ते जो मिलय लेह रहौ। आज सब जानत हयँ कि चुनाव निबटेक बादि कौनव लड़ाइया ढूंढे न मिलिहै। नेता जीतेक बादि जनतक भूलि जात हय।
बड़के दद्दा ने प्रपंच को आगे बढ़ाते हुए कहा- पांच राज्योँ में विधानसभा चुनाव चल रहा है, किंतु सबसे ज्यादा बवाल पश्चिम बंगाल में है। वहां की राजनीति शुरू से ही रक्तरंजित चल रही है। इधर, सत्तारूढ़ टीएमसी और मुख्य विपक्षी भाजपा में मारकाट मची है। इसी बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पैर में चोट लग गयी है। वह अब व्हीलचेयर से चुनाव प्रचार करेंगी। टीएमसी ममता की इस चोट को भुनाने में जुट गई है। आजकल पश्चिम बंगाल का राजनीतिक संग्राम नन्दीग्राम में सिमट गया है। पश्चमी यूपी के किसान नेता राकेश टिकैत भी पश्चिम बंगाल में भाजपा की खिलाफत करने पहुंच गए हैं। बाकी असम, केरल, तमिलनाडु व पुडुचेरी आदि राज्यों में भाजपा को कॉंग्रेस घेरने में जुटी है।
चतुरी चाचा ने अंत में कोरोना संक्रमण के बढ़ने पर चिंता जाहिर करते हुए कहा- होली ते होली फिर आय गई। पूरा साल बीत गवा। कोरोना ससुर पीछा नाय छोड़िस। भाई सब जने होशियार रहौ। ककुवा, कासिम मास्टर अउ हमरे कोरोना क्यार पहला टीका लागि गवा। मुला, अबहीं हम पंच सुरक्षित नाइ हन। सबके ख़ातिन मॉस्क अउ दुई गज दूरी केर पालन जरूरी हय। अब तुम पंच रिपोर्टर क्यार कोरोना अपडेट नीके सुन लेव।
हमने सबको बताया कि महाराष्ट्र, दिल्ली व पंजाब में एक बार फिर कोरोना संक्रमण बड़ी तेजी से बढ़ गया। सबसे बुरी स्थिति महाराष्ट्र की है। वहां कई जिलों में फिर से लॉकडाउन हो गया है। वहीं, कोरोना का संक्रमण बढ़ने से कई राज्यों में रात्रिकालीन कर्फ्यू भी लग गया है। दूसरी तरफ भारत में टीकाकरण का अभियान बहुत तेज चल रहा है। भारत में अबतक करीब डेढ़ करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। यहाँ एक करोड़ 13 लाख 33 हजार से अधिक लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। जबकि करीब एक लाख 60 हजार लोग कोरोना की भेंट चढ़ चुके हैं। इसी तरह विश्व में अबतक 11 करोड़ 86 लाख 25 हजार से ज्यादा लोग कोरोना से पीड़ित हो चुके हैं। जबकि 26 लाख 31 हजार से अधिक लोगों को कोरोना निगल चुका है। इसी के साथ आज का प्रपंच समाप्त हो गया। मैं अगले रविवार को चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे पर होने वाली बेबाक बतकही लेकर हाजिर रहूँगा। तबतक के लिए पँचव राम-राम!