छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित नारायणपुर के जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश ने छह साल पुराने हत्या के एक मामले में 37 आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इन आरोपितों ने एक परिवार पर जादू टोने के शक में तीन लोगों की हत्या कर दी थी. इस मामले में गांव के कई लोगों के खिलाफ बलवा और हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था. 6 साल पहले घटी इस घटना के मामले में सुनवाई करते काला जिला एवं अपर सत्र न्यायधीश के पी सिंह ने यह फैसला सुनाया है. सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया है.
यह घटना 20 नवंबर साल 2014 को महका गांव में घटी थी. यहां गांव के कुछ परिवारों को एक परिवार पर जादू टोना का शक था. इसी बात को लेकर ग्रामीणों ने गांव में एक बैठक बुलाई और घड़वाराम के परिवार को बुलाया गया. इसमें घड़वाराम उसकी पत्नी दसरी बाई, बेटी रामवती और उसका पति मानकू उर्फ मानू उईके, बेटा रानू करंगा, बजारो, जुगरी पत्नी रानू करंगा शामिल हुए थे. इसी परिवार के सदस्यों पर गांव वालों जादू- टोना का शक था.
इस बैठक के दौरान ग्रामीण परिवार वालों से सवाल- जवाब करते हुए झगड़े पर उतारू हो गए और फिर एकजुट होकर पूरे परिवार पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया. पूरे परिवार को बुरी तरह पीटा गया. इस घटना में घड़वाराम की पत्नी दसरीबई और बेटी रामवती की मौके पर मौत हो गई. खून से लथपत लाश पर ग्रामीणों ने मट्टी तेल डालकर आग लगा दी.
घड़वाराम को अधमरी हालत में वहीं पर छोड़कर चले गए. तीन दिन बाद गंभीर रूप से घायल घड़वाराम ने भी दम तोड़ दिया. घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपितों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया था. इस मामले में लंबे समय से सुनवाई चल रही थी. 39 लोगों के खिलाफ नामदज रिपोर्ट दर्ज की गई थी, जिलमें से दो की मौत हो चुकी है. बाकी सभी आरोपित अब जेल में उम्र कैद काटेंगे.