उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को कहा कि ‘सनातन भारत का राष्ट्रीय धर्म है’, जिसका सम्मान हर नागरिक को करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि पूर्व में धार्मिक स्थलों को नष्ट या अपवित्र किया गया था, तो अयोध्या में राम मंदिर की तर्ज पर उन्हें बहाल करने का अभियान चलाया जाना चाहिए।
सनातन धर्म है भारत का राष्ट्रीय धर्म, धर्मस्थलों की पुनर्स्थापना का अभियान चले–योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री ने कहा, “सनातन धर्म भारत का ‘राष्ट्रीय धर्म’ है। जब हम स्वार्थ से ऊपर उठते हैं, तो हम ‘राष्ट्रीय धर्म’ से जुड़ते हैं। जब हम राष्ट्रीय धर्म से जुड़ते हैं तो हमारा देश सुरक्षित होता है।” उन्होंने राजस्थान के भीनमाल स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर में मूर्ति जीर्णोद्धार एवं अभिषेक कार्यक्रम की अध्यक्षता के दौरान ये बातें कही।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगर किसी कालखंड में हमारे धार्मिक स्थलों को अपवित्र किया गया है, तो अयोध्या की तर्ज पर उनके जीर्णोद्धार का अभियान चलाया जाना चाहिए। आप सभी भक्तों ने राष्ट्रीय भावना का प्रतिनिधित्व करते हुए भगवान राम के इस भव्य राष्ट्रीय मंदिर के निर्माण में योगदान दिया है।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने पूरे देशवासियों को अपनी विरासत का सम्मान करने और उसे संरक्षित रखने का संकल्प दिलाया। उन्होंने कहा कि भगवान नीलकंठ के मंदिर का 1400 साल बाद भव्य रूप से जीर्णोद्धार विरासत के सम्मान और संरक्षण का एक उदाहरण है।
बीजेपी नेता के इस बयान पर कांग्रेस नेता ने पलटवार किया। असंगठित श्रमिक और कर्मचारी कांग्रेस (केकेसी) के अध्यक्ष उदित राज ने ट्वीट किया, “सीएम योगी ने कहा कि सनातन धर्म भारत का राष्ट्रीय धर्म है। इसका मतलब है कि सिख धर्म, जैन धर्म, बौद्ध धर्म, ईसाई धर्म और इस्लाम जैसे अन्य धर्म समाप्त हो गए हैं।”
एक अन्य ट्वीट में उदित राज ने कहा कि कल कुछ परिचित बौद्ध धर्म के साथियों का फ़ोन आया कि सनातन धर्म अगर राष्ट्रीय धर्म है तो हमारे का क्या होगा? सनातन धर्म के अस्तित्व को कौन नकार सकता है? मैंने सोचा कि योगी जी से पूछ लिया जाये कि और धर्म हैं कि नही, बस इतना ही है। बौद्धिक विमर्श तो होना ही चाहिए।
बता दें कि नवंबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने अयोध्या विवाद पर सर्वसम्मत फैसले में पूरी 2.77 एकड़ विवादित जमीन राम मंदिर के लिए दे दी। कोर्ट ने सरकार से मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन उपलब्ध कराने को भी कहा। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त, 2020 को एक राम मंदिर की आधारशिला रखी। हाल ही में, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घोषणा की कि राम मंदिर 1 जनवरी, 2024 को उद्घाटन के लिए तैयार होगा।