New Delhi। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court0 के जज विक्रम नाथ (Judge Vikram Nath) ने प्रदूषण को चिंता जाहिर करते हुए कहा कि, जहां बच्चों को बाहर खेलने के लिए मास्क पहनना पड़े, ऐसा माहौल अस्वीकार्य है। विज्ञान भवन में पर्यावरण पर राष्ट्रीय सम्मेलन – 2025 के उद्घाटन सत्र के दौरान न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने यह भी कहा कि ऐसे समाधान तलाशने की आवश्यकता है जो आर्थिक विकास और पर्यावरणीय भलाई के बीच संतुलन बनाए रखें और सरकार की नीतियों को हरित प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। बता दें कि, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थीं।
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प्रदूषण के खिलाफ हमें साथ आना चाहिए- विक्रम नाथ
इस मौके पर न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने कहा, ‘भारत की राजधानी में नियमित रूप से उच्च स्तर का प्रदूषण होता है। मेरा मानना है कि हम सभी इस बात से सहमत हो सकते हैं कि हमारे बच्चों का ऐसे वातावरण में बड़ा होना स्वीकार्य नहीं है, जहां उन्हें बाहर खेलने के लिए मास्क की आवश्यकता हो या कम उम्र में श्वसन संबंधी बीमारियों की चिंता हो।’ उन्होंने कहा, ‘यह कार्रवाई के लिए एक तत्काल आह्वान है, एक संकेत है कि हमें उत्सर्जन को विनियमित करने, स्वच्छ प्रौद्योगिकियों में निवेश करने और टिकाऊ परिवहन विकल्पों के बारे में सोचने के लिए एक साथ आना चाहिए, जो हमारे द्वारा सांस लेने वाली हवा से समझौता किए बिना आर्थिक प्रगति की अनुमति देता है।’
‘पवित्र और प्राचीन नदियां अपशिष्ट से भरी हुई हैं’
उन्होंने जल प्रदूषण को एक अन्य प्रमुख चिंता के रूप में चिन्हित किया, उन्होंने कहा कि कई पवित्र और प्राचीन नदियां अनुपचारित अपशिष्ट से भरी हुई हैं। ‘जब मैं इन नदियों के किनारों को देखता हूं, तो मुझे पुरानी यादों और चिंता का मिश्रण महसूस होता है… पुरानी यादों के लिए कि ये जल कितने जीवंत और शुद्ध थे और हमारी असमर्थता के लिए चिंता कि हम उन्हें उनके प्राकृतिक गौरव में संरक्षित कर सकें। औद्योगिक अपशिष्ट का उपचार करना, सीवेज अवसंरचना को बढ़ाना और स्थानीय समुदायों को नदी के किनारों पर स्वच्छता बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करना आवश्यक कदम हैं।’