चीनी मोबाइल फोन कंपनी वीवो अपना टाइटल स्पॉन्सर अधिकार ट्रांसफर कर सकता है। दरअसल, वीवो का मकसद अपने अधिकार को हस्तांतरित करके आईपीएल से बाहर निकलने का है। वहीं, आईपीएल 2021 में इसका पूरा अधिकार किसके पास होगा, इसको लेकर अब भी स्थिति साफ नहीं है। मगर मीडिया रिपोर्ट के मुताबित कहा जा रहा है कि इस अधिकार को पाने के लिए फंतासी गेमिंग प्लेटफॉर्म ‘ड्रीम 11’ और एजू-टेक यानी बायजू और अनअकैडमी जैसी कंपनियां जो तकनीक से एजूकेशन देती हैं, वो शामिल हो सकती हैं।
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं बताने के शर्त पर समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, ‘यह लगभग तय है कि वीवो का आईपीएल टाइटल प्रायोजन करार आपसी सहमति से खत्म होने जा रहा है । इसे 2020 में निलंबित किया गया था। इसके एक प्रावधान है कि वह अपना बकाया दायित्व नये प्रायोजक को दे सकता है। बोर्ड सैद्धांतिक रूप से तैयार हो जाये तो यह संभव है।’
आईपीएल 2022 में नौ या दस टीमें होंगी और समझा जाता है कि नए बोली लगाने वाले को कम से कम तीन साल के टाइटल प्रायोजन अधिकार मिलेंगे। सूत्र ने कहा, ‘ड्रीम 11 और अनअकैडमी वीवो के सामने प्रस्ताव रखेंगे। अनअकैडमी सहायक प्रायोजक है और वीवो से अधिकार लेने के लिए बड़ी रकम चुकाने को तैयार है।’
बता दें कि ड्रीम 11 आईपीएल 2020 का टाइटल प्रायोजक था, जिसने 220 करोड़ रूपये में अधिकार खरीदे थे। वीवो ने पांच साल के करार के लिए 440 करोड़ रुपये सालाना का करार किया था। दरअसल, भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने डील को निलंबित कर दिया था।