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गंगा यात्रा मां गंगा को अविरल, निर्मल व पवित्र बनाने का महाअभियान : डॉ. दिनेश शर्मा

लखनऊ/गढमुक्तेश्वर। उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने गंगा यात्रा के दूसरे दिन आज गढमुक्तेश्वर में आयोजित जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि गंगा यात्रा समाज के कल्याण के लिए मां गंगा को उनके पुराने गौरवशाली स्वरूप में वापस लाने का महाअभियान है। यह यात्रा नहीं बल्कि इस बात का संकल्प है कि मां गंगा अविरल निर्मल व पवित्र बनी रहे। इस यात्रा से लोगों को वही लाभ मिल सकेगा जो आज से सैकडों वर्ष पूर्व गंगा के निर्मल जल के कारण मिला करता था।

डॉ. शर्मा ने कहा कि  प्रधानमंत्री मोदी जी गंगा को निर्मल बनाने के संकल्प को पूरा करने के लिए गंगा मिशन के तहत कार्यक्रम चला रहे हैं। इस श्रंखला में प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी स्वच्छता अभियान को नया रूप दे रहे हैं। सरकार के प्रयासों से गंगा को पुराने स्वरूप में वापस लाने की दिशा में हम  तेजी से आगे बढे हैं। उन्होंने कहा कि  लोगों  के कल्याण के लिए भगीरथ मां गंगा को पृथ्वी पर लेकर आए थे और आज उनके भक्त व जननायक प्रधानमंत्री मोदी ने जीवनदायिनी मां गंगा की अविरलता व स्वच्छता का प्रण लिया है।

सरकार के प्रयासों से कुम्भ में गंगा की अविरलता व निर्मलता को देश विदेश से आए करोडों भक्तों ने सराहा था। इसके पूर्व में हुए कुम्भ में मां गंगा के जल की स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उस समय मारीशस के राष्ट्रपति कुम्भ में बिना स्नान किए ही वापस चले गए थे। इस बार जब वे आए तो गंगा की अविरलता और निर्मलता को देखकर स्नान भी किया और आचमन भी किया। यह 2014 के बाद प्रधानमंत्री मोदी  के नेतृत्व में  गंगा  मिशन के तहत हुए कार्यों  से आया परिवर्तन है।

 उन्होंने कहा कि  जिस प्रकार से गंगा यात्रा में लोगों ने भाग लिया है उससे साफ है कि देश की जनता जाग चुकी है। मां गंगा को जीवनदायिनी बताते हुए उन्होंने कहा कि लोग इस बात के लिए संकल्पित हैं कि मां गंगा की अविरलता व निर्मलता बनी रहे। लोग इसकी पवित्रता को बनाए रखने के लिए कार्य करने को तैयार हैं। गंगा यात्रा के दौरान जिस प्रकार से जनसमुदाय उमडा है उसने जातियों व सम्प्रदाय के बंधन को तोड दिया है। जिस प्रकार से यात्रा में मुस्लिम समाज के लोग शामिल हुए हैं उससे धर्म के बंधन भी टूट गए हैं तथा एकता की मिसाल देखने को मिली है। पवित्र गंगा यात्रा यूपी में 1358 किमी का सफर तय करने के दौरान 27 जिलों से होकर गुजरेगी। इस यात्रा का लक्ष्य है कि आध्यात्मिक धार्मिक व सांस्कृतिक केन्द्रों का जीर्णोद्धार हो तथा  मां गंगा व उनकी सहायक नदियों की अविरलता व पवित्रता बढे।

प्लास्टिक का प्रयोग जनता खुद से जागरूक होकर बंद करे। सरकार के प्रयासों से प्रदेश ओडीएफ घोषित हुआ है। अब नदी के किनारों पर शौच बन्द हुआ है उससे जल की  स्वच्छता व निर्मलता बढी है। अपशिष्ट पदार्थों के प्रबंधन का कार्य भी आरंभ हुआ है। नालों के डायवर्जन का कार्य भी युद्ध स्तर पर आरंभ हुआ है। सीवेज ट्रीटमेन्ट के साथ ही 79 नाले  टैप किए गए।  गंगा यात्रा के दौरान आर्गेनिक फार्मिंग , गंगा उद्यान तथा इको टूरिज्म को बढावा देने का निश्चय किया है। गंगा नर्सरी को बनाने के साथ ही गंगा तट पर जैविक खेती को प्रोत्साहन दिया जाएगा। यात्रा के दौरान पंचायतों में स्वास्थ्य मेला व पशु आरोग्य मेला लगाया गया। गंगा मैदान के साथ ग्रामीण क्षेत्र में स्टेडियम निर्माण का सकल्प भी लिया गया है। गंगा के तट पर निवास करने वालों को भी प्रधानमंत्री आवास योजना से लाभान्वित करने का निश्चय किया गया है। घाटों के निर्माण ने गंगा के सफाई अभियान को नया स्वरूप प्रदान किया है।

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