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MRI Gloves के मदद से ली जा सकेंगी साफ़ तस्वीरें

विज्ञान की दुनिया में क्रांति के बाद एक और प्रयोग जन-मानस के लिए उपयोगी साबित हो सकता है। वैज्ञानिकों ने पहली बार मैग्नेटिक रेजोनेंस ईमेजिंग ( एमआरआई ) सेंसर वाले दस्ताने MRI Gloves को विकसित किया है। इसकी मदद से हाथों के गतिशील रहने के दौरान उसकी साफ और बेहतर गुणवत्ता वाली तस्वीरें कैद किया जा सकता है।

MRI Gloves की मदद से अब गतिशील होने के बावजूद भी मिलेंगी तस्वीरें

अमेरिका की न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक पारंपरिक तौर पर एमआरआई के लिए मरीजों को हिले-डुले बिना रहना होता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि हाथों के गतिशील रहने के दौरान यह MRI Gloves सेंसर उसकी हड्डियों, कार्टिलेज और मांपेशियों की तस्वीरें ले सकता है।

कार्पेल टनल सिंड्रोम जैसी चोटों की शिकायत दफ्तर में काम करने वाले लोगों, एथलीट, संगीत वादकों में ज्यादा सुनने को मिलती है। इस स्थिति में हाथ सुन्न हो जाते हैं उनमें दर्द और झनझनाहट होती है। इस प्रयोग से अब आसानी से इस समस्या की जाँच की जा सकेगी।

प्रमुख तथ्य:

अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक पारंपरिक तौर पर एमआरआई के लिए मरीजों को हिले-डुले बिना रहना होता है। उनका कहना है कि एमआरआई दस्ताने का यह प्रारूप खिंचाव के कारण बार-बार लगने वाली चोटों का पता लगाने में उपयोगी साबित हो सकता है।

क्या है एमआरआई

एम.आर.आई. का अर्थ है मैग्नेटिक रिजोनेन्स ईमेजिंग। इस विधि की मदद से शरीर के आंतरिक अंगों की तस्वीर प्राप्त की जाती है। इस विधि का आधार है मैग्नेटिक रेजोनेन्स या चुंबकीय अनुनाद। एम.आर.आई. करने के लिए व्यक्ति के शरीर के प्रभावित हिस्से या कभी-कभी तो पूरे शरीर को एक मशीन में बनी एक नलीनुमा गुहा में प्रविष्ट कराया जाता है।

जहां एक्सरे का उपयोग मुख्य रूप से हड्डियों की तस्वीर खींचने के लिए किया जाता है, वहीं एमआरआई मुख्यत: मुलायम ऊतकों व आंतरिक अंगों के लिए अधिक उपयुक्त है। इसके अलावा, एमआरआई से हमें एक ही अंग या शरीर के एक ही हिस्से की अलग-अलग गहराई की परतों की कई तस्वीरें मिलती हैं।

इससे उस अंग का लगभग एक 3D चित्र मिल जाता है। एमआरआई तस्वीरें रेडियो तरंगों की मदद से बनाई जाती हैं, जिनकी तरंग लंबाई मीटर की रेंज में होती है। ये तरंगें शरीर को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचातीं।

रिपोर्ट – वरुण सिंह

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