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मन की बात में तिथियों का सन्योग

मन की बात कार्यक्रम अपार सफ़लता के साथ आगे बढ़ रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे ज़न संवाद का विलक्षण स्वरूप दिया है. बहुत बड़ी संख्या में लोग अपने मन की बात प्रधानमंत्री तक प्रेषित करते हैं. इसी के आधार पर वह अपने मन की बात प्रस्तुत करते हैं।

इस बार प्रसारण की तिथि बदली, इसी के साथ तिथियों के कई सन्योग बन गए. यह प्रसारण 25 जून को होना था. लेकिन उस दिन प्रधानमंत्री का अमेरिका में व्यस्त कार्यक्रम है. इसलिए प्रसारण की तिथि बदली गई।

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25 जून का भी उल्लेख आ गया. उस दिन देश में आपातकाल लगाया गया था. कुछ दिन पहले राहुल गांधी ने अमेरिका में कहा था कि भारत में लोकतंत्र खतरे में हैं. नरेंद्र मोदी ने किसी का नाम नहीं लिया. लेकिन तथ्यों के आधार पर जबाब भी भेज दिया. उन्होंने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है।

मदर ऑफ डेमोक्रेसी है। हम अपने लोकतांत्रिक आदर्शों को सर्वोपरि मानते हैं, अपने संविधान को सर्वोपरि मानते हैं. इसलिए हम 25 जून को भी कभी भुला नहीं सकते। यह वही दिन है जब देश पर इमरजेंसी थोपी गई थी।

मन की बात में तिथियों का सन्योग

आजादी का अमृत महोत्सव में देश की आजादी को खतरे में डालने वाले ऐसे अपराधों का भी जरुर अवलोकन करना चाहिए. 20 जून के ऐतिहासिक महत्व को भी मोदी ने रेखांकित किया. इस दिन श्री जगन्नाथ रथ यात्रा होगी. उन्होंने कहा कि 21 जून रथयात्रा का दिन है. रथयात्रा आस्था के साथ एक भारत श्रेष्ठ भारत का भी प्रतिबिंब है।

21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस है. मोदी ने कहा कि इस बार मुझे न्यूयॉर्क के यूएन मुख्यालय में होने वाले कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर मिलेगा। सोशल मीडिया पर योग दिवस को लेकर गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है। योग को अपने जीवन में जरूर अपनाएं। इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।

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कुछ दिन पहले यूपी में खेलो इंडिया का आयोजन हुआ था. प्रधानमंत्री ने इसका भी उल्लेख किया. कहा कि इन खेलों ने हमारे युवाओं ने 11 रिकॉर्ड तोड़े हैं. कुछ दिन बाद वर्षा की शुरुआत के साथ पौधारोपण कार्यक्रमों का संचालन होगा।

नरेंद्र मोदी ने पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया. कहा कि लखनऊ के अलीगंज में एक मियावाकी जंगल को तैयार किया जा रहा है। 60 से ज्यादा जगहों में इसको लेकर काम किया जा रहा है। कई देशों में इसका बड़े पैमाने पर उपयोग हो रहा है।

रिपोर्ट-डॉ दिलीप अग्निहोत्री

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