लखनऊ लिटरेचर फेस्टिवल मेटाफर के आज दोपहर ढाई बजे के सत्र में भारतीय सेना में सैंतीस वर्ष व्यतीत किये कर्नल ज्योतिर्मेय घोषाल ने अपनी पुस्तक “अंटिल द लास्ट ब्रेथ : सॉफ्ट सेंटीमेंट्स ऑफ़ स्टीलेड सोल्जर” पर चर्चा की।
डॉ राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की शिक्षिका डॉ अलका सिंह ने श्रोताओं की भीड़ के समक्ष कर्नल कवि के लिये प्रश्न रखे। जिनके उत्तर में कवि ज्योतिर्मय घोषाल ने अपनी पुस्तक के विभिन्न पहलुओं को छूते हुए लड़ाई के मैदान से लेकर जीवन के अन्य पहलुओं पर सिरजे अपने काव्य पर चर्चा किया।
उन्होंने युद्ध विषयक अपनी कविताओं में कभी प्रेम की चर्चा की तो कभी राष्ट्रवाद और जंग के हौसलों की,कभी कल्पना चावला जैसे विशिष्ट व्यक्तित्व की तो कभी परिस्थिति के साथ अपने संवादों की।
कर्नल घोषाल एवं डॉ अलका सिंह ने पुस्तक “अंटिल द लास्ट ब्रेथ : सॉफ्ट सेंटीमेंट्स ऑफ़ स्टीलेड सोल्जर” से कई महत्वपूर्ण कविताओं का पथ किया, जिसे देश विदेश से आये श्रोताओं से भूरि भूरि प्रशंशा मिलती रही।