औरैया। जनपद में धान गेहूं का फसल चक्र परंपरागत रूप से होता आ रहा है, जिसमें अब लाभ बहुत कम रह गया है। इसलिए जरूरत इस बात की है कि औषधि फसलों, सगंध तेल युक्त फसलों, व्यापारिक फसलों, सब्जियों तथा फूलों की खेती को बढ़ावा दिया जाए। जिससे कि किसानों की आय दोगुनी हो सके और खेती किसानी एक लाभप्रद धंधा बन सके। उक्त निर्देश जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने आज कलेक्ट्रेट सभागार में कृषि विभाग की आत्मा योजना के अंतर्गत गवर्निंग बोर्ड की बैठक में संबंधित अधिकारियों को दिए।
जिलाधिकारी महोदय ने कहा कि जनपद में राष्ट्रीय आजीविका मिशन के कई महिला समूह फूलों की खेती में आगे बढ़ रहे हैं जिन्हें प्रोत्साहित किया जाए। इसी प्रकार जनपद में लेमन ग्रास, बांस, खस, पामरोज, सहजन इत्यादि की खेती और उनकी प्रोसेसिंग हेतु लघु संयंत्रों की असीम संभावनाएं मौजूद हैं। फूलों तथा सगंध पौधों के क्षेत्र में पड़ोसी जनपद कन्नौज ने परंपरागत रूप से अच्छा काम करके दिखाया है। हमें वहां से तकनीकी सहायता और मार्केट भी आसानी से प्राप्त हो सकता है यह सभी कार्य मनरेगा योजना अंतर्गत कराए जा सकते हैं। उन्होंने इस संबंध में उप कृषि निदेशक, जिला उद्यान अधिकारी और उपायुक्त मनरेगा की एक कमेटी गठित करने का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया। इसी प्रकार रेशम विभाग के कई शहतूत फार्मो पर अब शहतूत की खेती नहीं हो रही है, उन्हें लाभप्रद बनाने एवं वृक्षारोपण हेतु उन्होंने निर्देशित किया।
बैठक में कृषि विभाग की आत्मा योजना को अनुमोदन प्रदान किया गया। बैठक में उप कृषि निदेशक ने आत्मा योजना का विगत वर्ष तथा इस वर्ष के प्रस्तावों का विवरण प्रस्तुत किया। बैठक में कृषि, पशुपालन, उद्यान, रेशम, मत्स्य, कृषि विज्ञान केंद्र, बैंक, जिला उद्योग केंद्र के जनपद स्तरीय अधिकारी मौजूद थे। एनजीओ, महिला कृषको, प्रगतिशील कृषकों, कृषि उद्यमियों के प्रतिनिधियों द्वारा भी इस बैठक में प्रतिभाग किया गया।
रिपोर्ट-अनुपमा सेंगर