लखनऊ। उत्तर प्रदेश में ‘स्मॉग’ दम घोंटू स्तर तक पहुंच चुका है। राज्य सरकार का मानना है कि अब यह साधारण विषय नहीं रह गया है और बहुत गम्भीरता से इसका समाधान खोजना होगा। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में पिछले करीब एक हफ्ते से हवा की गुणवत्ता बेहद खराब है और यह स्वास्थ्य के लिये खतरनाक स्तर तक पहुंच गयी है। स्मॉग को आगामी नगरीय निकाय चुनाव के प्रमुख मुद्दों में शामिल करने की भी मांग उठ रही है।
उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य ने जहरीली होती हवा का समाधान पूछने पर कहा, ‘‘मैं मानता हूं कि यह अब साधारण विषय नहीं रह गया है। इसका समाधान बहुत गम्भीरता से खोजना होगा।’’ उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय और राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने जहरीले स्मॉग से निपटने के कई तरीके सुझाये हैं। प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार इस मामले को लेकर सतर्क है और समस्या से निपटने के लिये जो भी आवश्यक निर्णय होगा, वह लिया जाएगा। मालूम हो कि एनजीटी के आदेश के मद्देनजर प्रदेश सरकार ने पूरे प्रदेश में खेतों में फसलों के अवशेषों को जलाने पर पाबंदी लगा दी है। साथ ही सभी जिलाधिकारियों को आदेश दिया है कि वे अपने-अपने जिलों के हालात को देखते हुए जरूरी निर्णय लें ताकि जहरीली हवा के संकट से निपटा जा सके। इस बीच, नेशनल एयर क्वालिटी इंडेक्स (राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक) के अनुसार आज अपराह्न तीन बजे तक गाजियाबाद और वाराणसी की हवा में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) 2.5 की मात्रा 491-491 प्रति क्यूबिक मीटर थी।
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