कर्नाटक विधानसभा चुनाव प्रचार चरम पर है। चुनाव में मतदाताओं को भरोसा जीतने के लिए कांग्रेस कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ रही है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सहित तमाम बड़े नेता लगातार प्रचार में जुटे हैं, ताकि 38 साल पुराने रिकॉर्ड को बरकरार रखा जा सके। वर्ष 1985 के बाद कोई सत्ताधारी पार्टी लगातार दोबारा सत्ता में वापसी नहीं कर सकी है।
कर्नाटक चुनाव प्रचार में कांग्रेस ने अपनी चुनाव रणनीति में भी बदलाव किया है। पार्टी अमूमन रैली और रोड शो के जरिए लोगों तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश करती थी। पर इस बाद पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सहित लगभग तमाम बड़े नेता लोगों से सीधा संवाद स्थापित करने का प्रयास कर रही है। राहुल गांधी समाज के विभिन्न तबकों के साथ बैठक कर उनसे जुड़े वादे कर रहे हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का ताल्लुक कर्नाटक से हैं। गृह राज्य होने की वजह से खड़गे की सबसे ज्यादा रैलियां हैं। वहीं, ऐसा पहली बार है, जब राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा एक साथ किसी विधानसभा चुनाव में एक साथ प्रचार कर रहे हैं। क्योंकि, ज्यादातर विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी मुख्य प्रचारक होते थे और प्रियंका गांधी एक-दो सभाएं करती थीं। उप्र और हिमाचल में प्रियंका मुख्य प्रचारक थीं, तो राहुल दूर रहे।