नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी पर काले बादल छाने लगे हैं, ऐसे में Fund crisis से जूझ रही कांग्रेस पार्टी के लिए आगे की रणनीतियां सफल होती नहीं दिखाई पड़ रही हैं। दरअसल कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस की गठबंधन सरकार बनने के बाद पार्टी को कुछ उम्मीदें जरूर दिखाई पड़ी थी। लेकिन कांग्रेस पार्टी के सामने अब वित्तीय स्थितियां बेहतर न होने से व्यापारी अपना हाथ पीछे खींचने लगे हैं। वहीं पीएम मोदी के भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम के बाद से देश में बड़े भ्रष्टाचारियों पर ग्रहण लग गया है। जिससे देश को करोड़ों और अरबों का चूना लगाने का धंधा लगभग चौपट हो गया है।
Fund crisis, भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम का प्रभाव
देश के विकास के लिए पीएम मोदी की सबका साथ सबका विकास नीति और भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम से कांग्रेस को भारी झटका लगा है। देश की जनता के पैसे को जिस तरह से गलत हाथों में जाने से भाजपा की भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम के बाद लगाम लगी है। वह काफी प्रभावशाली रही। जिसके कारण देश के साथ बड़ा घोटाले और भ्रष्टाचार को अंजाम देने वाले व्यापारियों और उद्योगपतियों को देश छोड़कर भागना पड़ा।
संकट से जूझ रही कांग्रेस
दरअसल कांग्रेस पिछले पांच महीनों से वित्तीय संकट से जूझ रही है। जिसके कारण कांग्रेस आलाकमान कई राज्य में अपने कार्यालय चलाने के लिए भेजे जाने वाले फंड पर रोक लगाने के साथ कटौती कर रही है। वहीं नाम न छापने की शर्त पर पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि पहले की अपेक्षा परिस्थितियां बदल रही हैं। सूत्रों के अनुसार इस वित्तीय संकट से उबरने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने पार्टी कार्यकर्ताओं और सदस्यों से योगदान बढ़ाने और अधिकारियों से खर्च में कटौती करने की अपील की है।
कांग्रेस से उद्योगपति खींच रहे हाथ
कांग्रेस से उद्योगपति अपना हाथ धीरे धीरे पीछे खींच रहे हैं। कांग्रेस पार्टी की साख पर उद्योगपति अपना पैसा नहीं लगाना चाहते हैं। जिससे राहुल गांधी की अगुआई में उद्योगपतियों से पार्टी को मिलने वाला फंड सूख गया है। जिससे नकदी की समस्याएं पैदा हो गई हैं। ऐसे में पार्टी उम्मीदावरों के लिए फंड जुटाना मुश्किल साबित हो रहा है। कांग्रेस पार्टी की सोशल मीडिया डिपार्टमेंट हेड दिव्या स्पंदना ने भी यह बात स्वीकार करते हुए कहा कि उनके पास फंड नहीं आ रहा है। कांग्रेस ऑनलाइन सोर्स के जरिए पैसा जुटा रही है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इस मामले में कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।
फंड संकट के कारण निर्माणाधीन पार्टी का नया ऑफिस
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस पार्टी नेता का कहना है कि बीजेपी पहले से ही नई दिल्ली में अपने नए हेडक्वार्टर में चली गई। लेकिन कांग्रेस पार्टी का नया आॅफिस फंड की कमी के चलते निर्माणाधीन है। राज्य दर राज्य चुनाव हारने के कारण पार्टी पर वित्तीय संकट गहराता जा रहा है।