Corona Virus संक्रमण और इसके बाद 21 दिन के लॉकडाउन से होने वाले नुकसान पर रिपोर्ट्स सामने आने लगे हैं. कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के कारण दुनियाभर में पैदा हुए स्वास्थ्य आपात के बीच, एशियाई विकास बैंक (ADB) ने अनुमान जताया है कि वित्त वर्ष 2021 में भारत की आर्थिक विकास दर (GDP) घटकर चार फीसदी रह सकती है.
बताते चलें कि बाजार में पिछले साल आई सुस्ती के बाद से ही भारत की विकास दर धीमी होती रही है. वित्त वर्ष 2019 में यह 6.1 प्रतिशत से गिरकर पांच प्रतिशत रह गई थी. सरकार ने 2020-21 में विकास दर 6 से 6.5 फीसदी रहने की उम्मीद जताई थी.
एडीबी के अध्यक्ष मसात्सुगु असाकावा ने कहा, ‘कई बार काफी चुनौतीपूर्ण समय का सामना करना पड़ता है. कोविड-19 से विश्वभर में लोगों की जिंदगियां प्रभावित हुई हैं और उद्योग एवं अन्य आर्थिक गतिविधियां बाधित हो रही हैं.’ बैंक ने अपने ‘एशियन डेवलपमेंट आउटलुक’ (ADO) 2020 में कहा कि भारत में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि अगले वित्त वर्ष में 6.2 प्रतिशत तक मजबूत होने से पहले वित्त वर्ष 2021 में घटकर चार फीसदी रह सकती है.
बताते चलें कि देश की अर्थव्यवस्था फिलहाल धीरे ही रहेगी. नए आर्थिक सर्वेक्षण मे कहा गया था कि वर्ष 2020-21 में भारत की सकल घरेलू उत्पाद विकास दर 6 से 6.5 प्रतिशत रहने की संभावना है. आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 में सरकार ने मौजूदा स्थिति के हिसाब से कहा था कि आने वाले साल में विकास दर धीमी ही रहेगी.
मौजूदा वित्तीय साल 2019-20 में विकास दर 5 फीसदी ही है. सबसे गंभीर बात ये है कि विकास दर पिछले 11 साल के सबसे निचले स्तर पर है. साथ ही महंगाई दर 7.35 फीसदी पर है. लेकिन अब कोरोना वायरस संक्रमण और इसकी वजह से आए वैश्विक मंदी की मार भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी पड़ने की संभावना नजर आ रही है.