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कोरोना से नेपाल में भारी संकट, कहा- और अधिक मरीजों को नहीं दे सकते हैं इलाज, दोबारा लॉकडाउन जरूरी

चीन से निकले कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया के साथ नेपाल को भी बड़े संकट में डाल दिया है. वैसे तो यह वायरस अेमेरिका, भारत, ब्राजील सहित दुनिया के बड़े-बड़े देशों में भी बड़ी संख्या में लोगों की जान ले चुका है, लेकिन नेपाल के लिए यह संकट इसलिए भी गंभीर है, क्योंकि छोटे से पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था वाले देश में महामारी से लडऩे के लिए संसाधन का अभाव है. नेपाल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने साफ कहा है कि यदि एक्टिव केस 25 हजार से अधिक हो जाते हैं तो उनका देश इतने मरीजों को संभालने की स्थिति में नहीं है. ऐसे में उसके पास लॉकडाउन की एक सहारा है.

नेपाल में इस समय एक्टिव केसों की संख्या 22 हजार के करीब पहुंच चुकी है. जिस स्पीड में कोरोना केस बढ़ रहे हैं, माना जा रहा है कि एक सप्ताह के भीतर 25 हजार से अधिक एक्टिव केस होंगे और देशभर में दोबारा सख्त लॉकडाउन लागू हो सकता है.

नेपाल के प्रमुख अखबार काठमांडू पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, स्वास्थ्य विभाग के मुख्य स्पेशलिस्ट डॉ. रोशन पोखरियाल ने कहा, जोखिम गंभीरता के साथ बढ़ रहा है. गंभीर मरीजों के उपचार के लिए इस्तेमाल हो रहे मौजूदा संसाधन एक्टिव केसों के 25000 हजार पार होने के बाद अतिरिक्त मरीजों को हैंडल नहीं कर पाएंगे.

उल्टे घटा दी टेस्टिंग

एक तरफ जहां दुनियाभर में कोरोना संक्रमण को काबू करने के लिए टेस्टिंग बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है तो नेपाल की केपी शर्मा ओली सरकार ने उल्टे जांच में कमी कर दी है. महीनों से अपनी कुर्सी बचाने के लिए चीन के इशारे पर भारत के खिलाफ साजिशें रचने वाले केपी ओली कोरोना से लडऩे की बजाय उसी तरह आंखें मूंद लेना चाहते हैं जिस तरह उन्होंने ड्रैगन के कब्जे को लेकर किया है. ओली सरकार ने आरटी-पीसीआर टेस्ट में कमी कर दी है. गुरुवार को नेपाल में कुल 12,444 पीसीआर टेस्ट हुए, जिनमें से 5 हजार 16 निजी लैब्स के द्वारा किए गए, जबकि 40 सरकारी लैब में केवल 7 हजार टेस्ट किए गए.

दोबारा लॉकडाउन से टलेगा संकट?

एक तरफ सरकार दोबारा लॉकडाउन पर विचार कर रही है तो दूसरी तरफ विशेषज्ञों का कहना है कि यदि संक्रमण पहले ही घर-घर और समुदायों में फैल चुका है तो लॉकडाउन और प्रतिबंधों का फायदा नहीं होगा. संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. अनूप सुबेधी ने काठमांडू पोस्ट से कहा, एक ही रणनीति हर बार काम नहीं करती है और यदि दोबारा लॉकडाउन किया गया तो यह अपेक्षित परिणाम नहीं देगा. कोरोना वायरस संक्रमण का फैलाव हमारी सोच से अधिक विस्तृत हो सकता है. क्योंकि पॉजिटिविटी रेट बहुत हाई है, जिसका मतलब है कि वायरस तेजी से फैल रहा है.

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