केरल। एक दलित महिला के साथ बलात्कार करने के बाद हैवानियत की हद पार करते हुए उसकी हत्या के मामले में कोर्ट ने दोषी अमीर-उल-इस्लाम को मौत की सजा सुनाई है। कोर्ट का फैसला आने के बाद जिशा की मां ने खुशी के साथ कहा कि अब जाकर उनकी बेटी को न्याय मिला है। उन्होंने कहा कि ऐसे दोषियों के खिलाफ कोर्ट को इतना समय न लगाते हुए तेजी से कार्यवाही करनी चाहिए। जिससे ऐसी हैवानियत करने वालों में डर पैदा हो और वह ऐसी नीच हरकत न कर सके।
एसआईटी ने पेश किया सबूत
जिशा मर्डर केस की जांच कर रही एसआईटी हेड एडीजीपी बी संध्या ने कहा कि उन्होंने कोर्ट के सामने वैज्ञानिक सबूत पेश किए थे। दोषी के खिलाफ आईपीसी और एसटी/एससी एक्ट के विभिन्न वर्गों के तहत केस दर्ज किया गया था। वारदात को अंजाम देने के बाद फरार दोषी को पुलिस ने 50 दिनों बाद तमिलनाडु से हिरासत में लिया। उसके बाद एर्नाकुलम के कोर्ट में 100 से भी ज्यादा गवाहों ने अपने बयान दिये। दोषी ने प्राइवेट पार्ट के साथ उसकी आंतों को बाहर निकाल लिया था। जिनकी जांच के बाद अमीर-उल-इस्लाम को दोषी पाया गया। कोर्ट ने उसे मौत की सजा दी।
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