उत्तराखंड में चल रहे हरिद्वार कुंभ मेले में देश-दुनिया के लाखों लोग मौजूद हैं। इस मेले में कोरोना का संक्रमण भी बहुत तेजी से फैल रहा है। बीते मंगलवार को यहां कोरोना वायरस के 594 नए मामले सामने आए, जिससे शहर में कुल सक्रिय मरीज बढ़कर 2,812 हो गए। हजारों लोग क्योंकि महाकुंभ के 13वें दिन गंगा में डुबकी लगाने के लिए एकत्र हुए थे, उस सोमवार को हरिद्वार में 408 मामले दर्ज किए गए थे। वहीं, पिछले 24 घंटों में उत्तराखंड में 13 मौतों के साथ 1,925 मामले दर्ज किए गए। मंगलवार को ही भारत में कोरोना वायरस के 1.6 लाख से अधिक मामले दर्ज किए गए।
हरिद्वार के घाटों पर भक्तों का तांता लगा रहता है। देशभर से लोग यहां गंगा नहाने पहुंच रहे हैं। लोगों का परिवार, जिसमें महिला-बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल हैं..वे सब कुंभ मेला सेलिब्रेट कर रहे हैं। ऐसे समय में ही कोरोना वायरस के संक्रमण की दूसरी लहर चल रही है। लाखों की भीड़ में कौन संक्रमित है ये पता लगाना बड़ा मुश्किल है। जिन लोगों में वायरस की पुष्टि हो जाती है, वही नजर में आता है।
महीनों चलने वाले कुंभ मेले में भाग लेने के लिए लगभग एक लाख लोगों ने यहां गंगा के तट पर झुंड बनाया, जबकि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए कोविड प्रोटोकॉल की पालना किसी भी तरह नहीं की गई। शाही स्नान (अनुष्ठानिक स्नान) के दिन सोमवार को लगभग एक लाख लोग एकत्रित हुए थे। लोगों को बिना मास्क के देखा गया, जिसमें कोई सामाजिक दूरी नहीं थी। हजारों भक्तों के साथ, 13 अखाड़ों के प्रतिनिधि महाकुंभ मेले में नजर आए।
महाकुंभ इलाके में टंगे पोस्टर भी भक्तों से दवाई और कड़ाई (दवाओं के साथ अनुशासन) सुनिश्चित करने का आग्रह करते हैं और कोविद-नियमों के उल्लंघन के खिलाफ प्रत्येक घाट पर चेतावनी भी दी जाती है, किंतु कई भक्त कहते हैं कि इतने बड़े महोत्सव में इन दिशानिर्देशों का पालन करना और सामाजिक दूरी बनाए रखना असंभव है। कुंभ का मेला यूं तो 12 साल में एक बार आयोजित होता है, मगर कोरेाना के इस दौर में लोगों की जान ज्यादा कीमती है।