नई दिल्ली। केंद्र सरकार और सभी राज्यों के मंत्रियों को सूचना के अधिकार कानून को सार्वजनिक प्राधिकार घोषित करने के केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के फैसले को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि सूचना के अधिकार कानून (आरटीआई) के अंतर्गत मंत्रियों को सार्वजनिक प्राधिकार घोषित नहीं किया जा सकता है। जस्टिस विभू बाखरू ने सीआईसी के 12 मार्च, 2016 के उस आदेश को रद्द कर दिया। जिसमें आरटीआई कानून के अंतर्ग्त केंद्र और सभी राज्य सरकारों में मंत्रियों को सार्वजनिक प्राधिकार घोषित किया गया था। हाईकोर्ट ने कहा कि केंद्रीय सूचना आयोग को इस सवाल पर जाने की कोई आवश्यकता नहीं थी कि कोई मंत्री कानून की धारा 2 (एच) के तहत सार्वजनिक प्राधिकार है या नहीं। हाईकोर्ट ने कहा कि आयोग ने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर यह आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार की अपील का निपटारा करते हुए यह फैसला दिया है। सरकार ने आयोग के फैसले को मनमाना बताते हुए रद्द करने की मांग की थी। सरकार ने इसे पूरी तरह से गलत बताया था।
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