अयोध्या। दीपोत्सव को भव्यता देने के लिए 51 घाटों पर 24 लाख दीए सजाने का कार्य पूरा हो गया है। सभी स्वयंसेवकों ने पूरे मनोयोग से सजावट किये हैं। दीपोत्सव का विश्व कीर्तिमान स्थापित करने के लिए कार्य पूरा कर लिया गया है।
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दीपोत्सव नोडल अधिकारी प्रो संत शरण मिश्र ने बताया कि 11 नवम्बर दीपोत्सव अद्भुत, आलौकिक होगा। कुलपति के दिशा-निर्देशन में घाटों पर दीए सुसज्जित किए जाने का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। जिला प्रशासन के सहयोग से कार्य को अंतिम रूप दिया गया है।
51 घाटों पर दीयों की सुरक्षा पुलिस प्रशासन व विश्वविद्यालय के सुरक्षा कर्मियों द्वारा की जा रही है। शनिवार को दीपोत्सव के दिन प्रातः 10 बजे से पर्यवेक्षक, घाट प्रभारी, समन्वयक व गणना वालंटियर्स की देखरेख में 24 लाख से अधिक दीए में तेल डालने, बाती लगाने व देर शाम शासन द्वारा नियत समय पर दीए प्रज्जवलित किए जायेंगे। गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड टीम द्वारा सभी घाटों के दीपों की गणना की जा रही है।
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विवि के मीडिया प्रभारी डाॅ विजयेन्दु चतुर्वेदी ने बताया कि दीपोत्सव को एतिहासिक बनाने के लिए समस्त वालंटियर्स को पदाधिकारियों द्वारा यथा आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान कर दिया गया है।
सभी वालंटियर्स एवं पदाधिकारी दीपोत्सव पहचान-पत्र के साथ घाटों पर मौजूद रहेंगे। इसके अलावा सभी वालंटियर्स को सूती परिधानों में रहने का आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किया गया है।
राम की पैड़ी व चैधरी चरण सिंह के घाटों पर प्रो हिमांशु शेखर सिंह, प्रो चयन कुमार मिश्र, प्रो विनोद श्रीवास्तव, प्रो गंगा राम मिश्र, प्रो अनूप कुमार, डाॅ पीके द्विवेदी, डाॅ डीएन द्विवेदी, डाॅ अंशुमान पाठक, डाॅ राम जी सिंह, डाॅ अंकित मिश्र, डाॅ प्रत्याशा मिश्रा, डाॅ प्रतिभा, डाॅ प्रतिभा त्रिपाठी, डाॅ सरिता द्विवेदी, डाॅ अलका श्रीवास्तव,डाॅ आरएन पाण्डेय, डाॅ अनिल कुमार विश्वा, डाॅ आशुतोष पाण्डेय, डाॅ अश्वनी पाण्डेय सहित बड़ी संख्या में विवि एवं सम्बद्ध महाविद्यालयों, इण्टर कालेजों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के पदाधिकारी मौजूद रहे।
रिपोर्ट-जय प्रकाश सिंह