जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी परिसर के अंदर 5 जनवरी को हुई हिंसा के मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की एक कमेटी ने स्थानीय पुलिस को क्लीन चिट दे दी है. इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर के मुताबिक जेएनयू हिंसा के लिए स्थानीय दिल्ली पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया गया था. मामले की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने फैक्ट फाइंडिंग कमेटी गठित की थी जिसे इस पूरे मामले से जुड़ी जानकारी और पुलिस पर लगाए गए लापरवाही के आरोपों की जांच की जिम्मेदारी दी गई थी.
बता दें कि जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में इसी साल 5 जनवरी को करीब 100 नकाबपोश लोग लाठी-डंडों के साथ कैंपस के अंदर आ गए थे. करीब 4 घंटे तक उन्होंने परिसर के अंदर काफी तोड़फोड़ की. इस पूरी घटना में 36 लोग जख्मी भी हुए थे, जिसमें जेएनयू के छात्र, टीचर और स्टाफ के लोग शामिल थे. मामले की गंभीरता को देखते हुए इस मामले की जांच की जिमेदारी क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई थी. इस घटनाक्रम में अभी तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है.
जेएनयू हिंसा के बाद दिल्ली की लोकल पुलिस पर लापरवाही के आरोप लगाए गए थे. उस पर दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाया गया था कि सब कुछ जानते हुए पुलिस कैंपस के अंदर क्यों नहीं गई. इसके जवाब में दिल्ली पुलिस की ओर से कहा गया कि जामिया में दंगाइयों का पीछा करते हुए उनकी टीम कैंपस में गई थी लेकिन जेएनयू कैंपस में पुलिस को जाने के लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन से इजाजत लेनी होती है. खबर है कि कमेटी ने जेएनयू हिंसा के बारे में कई पुलिसकर्मियों से अलग अलग जानकारी जुटाई थी और सभी ने एक जैसा ही जवाब दिया.