- Published by- @MrAnshulGaurav
- Wednesday, July 06, 2022
लखनऊ। प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश जनहित गारंटी अधिनियम-2011 के तहत उपलब्ध सेवाओं के विस्तार के संबंध में विस्तृत चर्चा हुई। बैठक को संबोधित करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि जनहित गारण्टी अधिनियम-2011 प्रदेश सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल है।
प्रदेश में पारदर्शी व समयबद्ध सेवा व्यवस्था प्रदान करने के लिए संकल्पित माननीय मुख्यमंत्री जी ने सभी विभागों की विभिन्न सेवाओं को उत्तर प्रदेश जनहित गारंटी अधिनियम-2011 के अंतर्गत अधिसूचित करने का निर्णय लिया है। यूपी सरकार सेवाओं में वृद्धि करने पर लगातार ज़ोर दे रही है। हम नागरिकों को सशक्त कर रहे हैं जिससे पूरा प्रदेश सशक्त बनेगा। इस बाबत हमें पूरी प्रतिबद्धता से कार्य करना है।
उन्होंने कहा कि विभागों द्वारा अपनी अधिसूचित सेवाओं को ऑनलाइन के माध्यम से उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए। हर विभाग अपने-अपने पोर्टल बनायें। जहां सेवाओं से संबन्धित अधिकारी का नाम, नंबर, ईमेल दर्ज हो। ऐसा प्रयास किया जाए कि IGRS पोर्टल पर दर्ज होने वाली शिकायतें जनहित गारण्टी अधिनियम के अंतर्गत संबंधित विभागों को प्राप्त हों।
मुख्य सचिव ने कहा कि सभी विभाग अपने द्वारा दी जा रही सेवाओं की समीक्षा करें। समय के साथ सेवाओं में सुधार के साथ सरलीकरण और डिजिटलीकरण की आवश्यकता है। हम सेवाओं को जितना सरल, प्रभावी और सुगम बनाएंगे जनता को उतनी ही सहूलियत मिलेगी। लोगों को सेवाएं सुचारु रूप से मिल रही इसके लिए किसी न किसी अधिकारी को नामित कर इसकी समय समय पर जांच जरूरी है। लापरवाही करने पर दोषी अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाही या अर्थदण्ड का सख्त प्रावधान हो।
प्रशासकीय विभागों से प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर उत्तर प्रदेश जनहित गारण्टी अधिनियम-2011 के अन्तर्गत 46 विभागों की 369 सेवायें एवं समस्त विभागों की 10 सेवायें कुल 379 सेवायें अधिसूचित करायी जा चुकी है। इन सेवाओं का विवरण http://www.adminreform.upsdc.gov.in/ पर उपलब्ध है तथा भविष्य में और भी अधिक सेवाओं को जोड़ा जाएगा। बैठक में प्रमुख सचिव, प्रशासनिक सुधार समेत सभी विभागों के शीर्ष अधिकारी मौजूद रहे।