प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीर्थाटन व पर्यटन को नया आयाम दिया है। तीर्थ स्थलों की उनकी यात्राएं निजी आस्था तक सीमित नहीं रहती। बल्कि अपरोक्ष रूप से इनका विकास से भी संबन्ध रहता है। नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ में भी विकास योजनाओं का शुभारंभ किया। उन्होंने अयोध्या,काशी व मथुरा का उल्लेख किया। कहा कि अभी दो दिन पहले ही अयोध्या में दीपोत्सव का भव्य आयोजन पूरी दुनिया ने देखा।
भारत का प्राचीन सांस्कृतिक स्वरूप कैसा रहा होगा, आज हम इसकी कल्पना कर सकते हैं।इसी तरह उत्तर प्रदेश में काशी का भी कायाकल्प हो रहा है। विश्वनाथ धाम का कार्य बहुत तेज गति से पूर्णता की तरफ आगे बढ़ रहा है। अयोध्या, काशी और मथुरा को सदियों बाद अब गौरव वापस मिल रहा है। अब देश अपने लिए बड़े लक्ष्य तय करता है।
पिछले दिनों नरेंद्र मोदी ने कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय एयर पोर्ट का लोकार्पण किया था। इस कार्यक्रम में बीस देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे। केदारनाथ भी हिन्दू आस्था का विश्व प्रसिद्ध स्थल है। यह भारत की सांस्कृतिक एकता का भी प्रतीक है। प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी पांचवी बार केदारनाथ पहुंचे थे। आदिगुरु शंकराचार्य ने भारतीय सनातन संस्कृति की पुनर्स्थापन में अपना बहुमूल्य योगदान दिया।
केदारनाथ में नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह भारत की संस्कृति की व्यापकता का अलौकिक दृश्य है। भारत की महान ऋषि परंपरा है। शंकर का संस्कृत में अर्थ ‘शं करोति सः शंकरः’ यानी, जो कल्याण करे,वही शंकर है। इस व्याकरण को भी आचार्य शंकर ने प्रत्यक्ष प्रमाणित किया। उनका जीवन भारत और विश्व कल्याण के लिए था। उनकी समाधि का पुनर्निर्माण भारत की आध्यात्मिक समृद्धि और व्यापकता का बह़त अलौकिक दृश्य है।
भारतीय दर्शन में मानव कल्याण का विचार है।इसमें जीवन को पूर्णता के साथ समग्र तरीके से देखा गया। आदि शंकराचार्य जी ने पवित्र मठों की स्थापना की। चार धामों की स्थापना की। द्वादश ज्योतिर्लिंगों के पुनर्जागरण का काम किया। आदि शंकराचार्य ने सब कुछ त्यागकर देश,समाज और मानवता के लिए जीने वालों के लिए एक सशक्त परंपरा का विकास किया। भारत में प्राचीन काल से चारधाम यात्रा का महत्व रहा है। द्वादश ज्योतिर्लिंग, शक्तिपीठों और अष्टविनायक के दर्शन की परंपरा है। तीर्थाटन हमारे भारतीय जीवन काल का हिस्सा माना गया है। नरेंद्र लगभग चार सौ करोड़ रुपये से अधिक की पुनर्निर्माण योजनाओं का लोकार्पण किया।
इनमें मंदाकिनी आस्थापथ,संगम घाट,फर्स्ट एड पर्यटन केंद्र,अस्पताल और पुलिस थाने,कमांड व कंट्रोल सेंटर,रेन शेल्टर, प्रशासनिक कार्यालय शामिल है। एक सौ अस्सी करोड़ रुपये के कई निर्माण कार्यों शिलान्यास भी किया। इसके अलावा आदि शंकराचार्य की मूर्ति का अनावरण किया। आदिगुरु शंकराचार्य की मूर्ति बारह फीट ऊंची और पैंतीस टन वजन की है। नरेंद्र मोदी ने मंत्रोच्चार के साथ यहां उपासना की।
इस मूर्ति को ब्लैक स्टोन यानी कृष्णशिला से बनाया गया है। इस प्रतिमा पर आंधी।तूफान का असर नहीं पड़ता है। प्रतिमा को एक ही चट्टान से बनाया गया। गोवर्धन पूजा के दिन उनकी यात्रा विशेष रूप से महत्वपूर्ण रही। उन्होंने बाबा केदार के गर्भगृह में पूजा अर्चना और महारुद्राभिषेक किया।
हेलीपैड पर पहुंचने के बाद नरेंद्र मोदी पैदल ही मंदिर तक गए। उन्होंने हेलीपैड पर उपलब्ध ऑल टेरिन वाइकल का प्रबंध किया गया था। किंतु नरेंद्र मोदी ने उसका उपयोग नहीं किया। उन्होंने वीडियो के माध्यम से मंदिर में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा की। इसके बाद भगवान केदारनाथ की पूजा करने के लिए मंदिर परिसर में पहुंचे थे। उन्होंने बाघंबरी वस्त्र को बाबा केदारनाथ को अर्पित किया। स्वयंभू शिवलिंग की परिक्रमा करके पूजन सम्पन्न किया।
इसके पहले नरेंद्र मोदी केदारनाथ गुफा में ध्यान करने आये थे। उनके बाद उस गुफा में ध्यान करने वालों की संख्या बढ़ गई है। नरेंद्र मोदी केदारनाथ धाम भव्य दिव्य रूप पुनः स्थापित करने के प्रति कटिबद्ध है। इस दिशा में तेजी से कार्य चल रहा है। आठ वर्ष पूर्व बाढ़ में क्षतिग्रस्त हुए समाधि स्थल का लोकार्पण किया। चारधाम सड़क परियोजना पर तेजी से काम हो रहा है। चारों धाम हाईवे से जुड़ रहे हैं।