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सर्दी के मौसम में पर्याप्त पानी न पीने से आपको भी हो सकती है ये सभी परेशानियाँ

सर्दी के मौसम में बर्फीली हवा में गर्म हवा के मुकाबले नमी कम होती है, जिससे शरीर तक कम नमी पहुंचती है। साथ ही गर्म कपड़ों के कारण जो पसीना निकलता है वो तुरंत वाष्प बन जाता है। हालांकि, हमें पता नहीं लगता। पर इन प्रक्रियाओं में शरीर में पानी की खपत होती रहती है। यही वजह है कि सर्दी में भी पर्याप्त पानी पीना जरूरी होता है।

इसलिए सर्दी में नहीं लगती प्यास-
असल में सर्दी के समय शरीर में द्रव पदार्थ विशेषकर पानी से होने वाली प्रक्रियाएं धीमी हो जाती है इसलिए पानी की खपत मंद गति से होती है। इस कारण प्यास नहीं लगती और पानी पीना मुश्किल लगता है। प्यास का मुख्य कारण ऊष्मा या गर्मी होता है जो इस मौसम में नहीं होती इसलिए भी प्यास कम लगती है।

समय-समय पर पीते रहे पानी
-एक बार में गिलासभर पानी पीने की जगह थोड़ा-थोड़ा पानी पीते रहें।
-गर्म पेय से प्यास कम लगती है इसलिए प्यास न लगने पर भी पानी पिएं।
-हर दिन न्यूनतम 6 से 8 गिलास और अधिकतम 8से 10 गिलास पानी पिएं।
-गुनगुना पानी पिएं, ठंडा पानी व ठंडे पेय से पाचन प्रक्रिया में रुकावट आती है।

ये हैं फायदे
मुलायम त्वचा : सूखी हवा से त्वचा रुखी हो जाती है। पर्याप्त पानी पीने से त्वचा कटने या गाल फटने आदि का खतरा कम होगा।
स्फूर्ति रहेगी: सर्दी में सुस्ती का मुख्य कारण शरीर में पानी की कमी भी होता है।
प्रतिरोधक क्षमता : हवा में पैदा होने वाले वायरस के कारण इस मौसम में सबसे ज्यादा बीमारियां होती हैं। शरीर में पानी कम होने से प्रतिरोधक क्षमता घटती है और ठंड लगने का खतरा रहता है।

-जाड़े में भी डिहाइड्रेशन की समस्या कम गंभीर नहीं होती। पानी की कमी से त्वचा शुष्क होने, सिरदर्द, उल्टी से लेकर लंबे समय तक दुष्प्रभावों के कारण पथरी भी हो सकती है।

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