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गंगोत्री नेशनल पार्क में स्नो लेपर्ड के भोजन के लिए खतरा बन रहे कुत्ते, किया जाएगा बंध्याकरण

उत्तरकाशी:  गंगोत्री नेशनल पार्क में स्नो लेपर्ड के भोजन के लिए खतरा बन रहे कुत्तों का बधियाकरण किया जाएगा। यह कुत्ते पार्क क्षेत्र में झुंड में लाल लोमड़ी, घुरड़, भरल आदि पर हमला कर रहे हैं। भारतीय वन्य जीव संस्थान ने भी पार्क क्षेत्र में कुत्तों की बढ़ती संख्या पर चिंता जताते हुए समाधान का सुझाव दिया था।

गंगोत्री नेशनल पार्क दुर्लभ वन्यजीव स्नो लेपर्ड का घर माना जाता है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में इसके भोजन के मुख्य साधन भरल, काकड़ आदि पशु होते हैं, लेकिन वहां पर लगातार बढ़ रही शिकारी कुत्तों की संख्या के कारण स्नो लेपर्ड के भोजन पर लगातार हमले हो रहे हैं।

यह कुत्ते भेड़-बकरी पालकों के साथ पार्क क्षेत्र के अंदर जाते हैं और वापसी में सेना, आईटीबीपी और बीआरओ कैंप के आसपास भोजन के लिए रुक जाते हैं। बढ़ती संख्या के कारण वह कई बार झुंड में भरल, लाल लोमड़ी आदि का शिकार करते हैं।

पहले भी भारतीय वन्य जीव संस्थान के लगाए गए कैमरों में कुत्ते शिकार करते हुए दिखाई दिए थे। इस पर वैज्ञानिकों की ओर से पार्क प्रशासन को कुत्तों की संख्या घटाने के लिए सुझाव दिया गया था, क्योंकि स्नो लेपर्ड को भोजन नहीं मिलेगा तो यह दुर्लभ वन्य जीव विलुप्त हो जाएगा। पार्क प्रशासन के अनुसार पूर्व में की गई गणना के अनुसार गंगोत्री नेशनल पार्क में स्नो लेपर्ड की संख्या 35 से 40 है।

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