- आरक्षी पुलिस भर्ती परीक्षा-2009-10 के अभ्यर्थियों को नहीं मिला इंसाफ
- कहा, उच्चतम न्यायालय के आदेश के बावजूद नहीं हो रही सुनवाई
लखनऊ। उच्चतम न्यायालय के आदेश के बावजूद आरक्षी पुलिस भर्ती परीक्षा 2009-10 के अभ्यर्थियों को अब तक नियुक्ति नहीं दिया जाना योगी सरकार का न्याय पर बुलडोजर चलाने जैसा कदम है। निरंकुश सरकार अपराधियों को छोड़कर जब इंसाफ पर ही बुलडोजर चलाने लगेगी तो न्याय व्यवस्था से जनता का विश्वास उठने लगेगा।
लोग मांगने की बजाय छीनने लगेंगे। इससे प्रदेश में अपराध और अपराधियों का बोलबाला हो जाएगा। यह बातें पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा के गलत प्रश्नाें के कारण नियुक्ति से वंचित अभ्यर्थियों की समस्या जानने के बाद राष्ट्रीय लोकदल के वरिष्ठ नेता आशीष तिवारी ने कहीं।
बुधवार को नियुक्ति से वंचित पुलिस भर्ती के अभ्यर्थियों के ईको गार्डन के समक्ष घेरने पर श्री तिवारी ने न सिर्फ उनकी पूरी बात सुनी, बल्कि मामले को विधायकों के माध्यम से विधानसभा में भी प्रश्न उठाने का आश्वासन दिया। राष्ट्रीय लोकदल नेता आशीष तिवारी ने कहा कि भर्ती की लिखित परीक्षा में छह प्रश्न गलत थे, जिसके क्रम में गलत अंक आवंटित किए गए थे। गलत अंकों की वजह से भर्ती से वंचित हो रहे अभ्यर्थी मामले को लेकर न्यायालय पहुंचे। वहां से उन्हें 06 अक्टूबर 2017 को ही न्याय मिल गया और न्यायालय ने उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड को इसका अनुपालन करने का निर्देश दे दिया।
तबसे अभ्यर्थी लगातार प्रत्यावेदन पर प्रत्यावेदन दे रहे हैं, लेकिन प्रदेश सरकार बहरी बनी हुई है। योग्य और भर्ती की पात्रता वाले अभ्यर्थियों को नियुक्ति न दिया जाना न्याय व्यवस्था का अपमान है। सरकार को तत्काल इस पर कार्रवाई सुनिश्चित करनी होगी। मौके पर पुलिस भर्ती परीक्षा-2009 के दर्जनों अभ्यर्थी मौजूद थे।