सलोन(रायबरेली)। प्रदेश सरकार ने शिक्षा विभाग में फैले भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए भले ही कागजी नकेल कस दी हो लेकिन वास्तविकता यह है कि शिक्षा विभाग में फैला भ्रष्टाचार आज भी शिक्षा माफियाओं के सर चढ़कर बोल रहा है। इसका जीता जागता उदाहरण Salon सलोन विकास क्षेत्र बन गया है।
Salon : आकस्मिक निरीक्षण में उजागर हो सकती है सच्चाई
बताते चलें कि सलोन तहसील के अंतर्गत दर्जनों गैर मान्यता प्राप्त स्कूल, विकास क्षेत्र के बीईओ की खैर मकदम से चल रहे है, वही परिषदीय विद्यालयों की स्थित भी ज्यादा ठीक नही है। शिक्षको का समय आज भी नही बदला। देखा जाए तो क्षेत्र के परिषदीय विद्यालयों में आकस्मिक निरीक्षण के दौरान हकीकत उजागर हो सकती है।
विदित हो कि जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री ने तहसील क्षेत्र के गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों को गठित टीम द्दारा बंद करने के आदेश जारी किये है। क्षेत्र के प्राइवेट स्कूलो में स्टेशनरी के नाम पर कमीशन खोरी व विद्यालयों से सांठगांठ कर किताब विक्रेताओं का विभिन्न प्रकाशन की किताबों का ऊंचे दामों पर विक्रय करना क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। वही क्षेत्र के दुकानदार प्राथमिक विद्यालयों से लेकर प्राइवेट विद्यालयों की विभिन्न प्रकाशनों की पुस्तकें विद्यालयों से सांठगांठ करके ऊंचे दामों पर बेच रहे हैं। जिसका बोझ ना चाहते हुए भी अभिभावकों को उठाना पड़ रहा है।
वर्षों पुराना खेल…
यह खेल विगत कई वर्षों से बदस्तूर जारी है। ऐसी स्थिति में सरकार की सर्व शिक्षा अभियान की नीति पूरी तरह से फेल होती नजर आ रही है। परन्तु सलोन विकास क्षेत्र में बीईओ ने 15 जुलाई तक किताबों का वितरण कराने के निर्देश दिये है, जिसके बाद भी क्षेत्र के इक्का दुक्का विद्यालयो में ही किताब का वितरण किया गया है। क्षेत्र के विद्यालयो में होने वाली कमीशन खोरी पर जल्द ही अंकुश नहीं लगाया गया तो शिक्षा जैसे मौलिक अधिकारों से क्षेत्र के तमाम बच्चे शिक्षा से वंचित हो जाएंगे।
इस सम्बन्ध मेंं बीईओ विश्वनाथ प्रजापति ने बताया कि जिलाधिकारी के आदेश के बाद क्षेत्र के परिषदीय विद्यालयों में 15 जुलाई तक किताबो का वितरण किये जाने के निर्देश दिये गये है तथा गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयो की सघन जांच की जा रही है। जिसके बाद गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयो के विरुद्ध कार्यवाही की जायेगी।
रत्नेश मिश्रा/राजू तिवारी