किसानों के आधार कार्ड को एनपीआई से लिंक के बारे में पूछे जाने पर केन्द्र प्रभारी ने बताया कि यह किसान की जिम्मेदारी है। वह अपना आधार कार्ड स्वयं एनपीआई से लिंक कराये।
- Published by- @MrAnshulGaurav
- Monday, April 11, 2022
औरैया। क्षेत्र की साधन सहकारी समिति ताजपुर को पीसीएफ द्वारा वर्ष 2022-23 के लिए गेहूं खरीद केन्द्र बनाया गया है। जहां पर न कांटा लगा है और न बारदाना है। सरकारी गेहूं की खरीद शुरू हुए दस दिन से अधिक का समय हो गया है। इसके बाद भी, यहां पर खरीदने-बेचने के लिए न कोई तैयारी है और न ही कोई किसान अपना गेहूं लेकर पहुँचा है।
ताजपुर में नहीं शुरू हुई गेहूं खरीद –
सरकारी आदेशों के तहत 01 अप्रैल से 15 जून के मध्य गेहूं की सरकारी खरीद होनी है। सरकार द्वारा गेहूं का सरकारी समर्थन मूल्य भी 2015 रूपए प्रति कुन्तल घोषित किया गया है। सरकारी गेहूं की खरीद के लिए केन्द्र भी बना दिये गये हैं। पर इन केन्द्रों पर गेहूं खरीद से सम्बंधित न कोई तैयारी है और न हीं कोई सुविधा है। ताजपुर स्थित पीसीएफ केन्द्र पर बेनर के अलावा कुछ भी नहीं है।
केन्द्र न कांटा लगा न बारदाना है –
कांटा न लगा होने पर तौल के लिए पूछे जाने पर खरीद केन्द्र प्रभारी अरूण कुमार ने बताया कि केन्द्र पर दो इलेक्टाॅनिक कांटे हैं, जिसमें एक खराब है। जिसकी जानकारी मंडी समिति में संबंधित को दे दी गयी है। पर अभी तक कांटा सही नहीं कराया गया है। बताया कि उन्हें अभी तक बारदाना भी नहीं मिला है और न ही अंगूठा लगाने वाली ई-पाॅस मशीन उपलब्ध करायी गयी है।
बताया कि गेहूं खरीद हेतु न तैयारियां पूरी है और नहीं किसान अभी तक अपना गेहूं बिक्री हेतु लेकर आया है। जिस कारण खरीद शुरू नहीं हो पायी है। किसानों के आधार कार्ड को एनपीआई से लिंक के बारे में पूछे जाने पर केन्द्र प्रभारी ने बताया कि यह किसान की जिम्मेदारी है। वह अपना आधार कार्ड स्वयं एनपीआई से लिंक कराये।
मंडी मूल्य का सरकारी खरीद पर असर –
एक ओर गेहूं का सरकारी खरीद मूल्य 2015 घोषित किया गया है। वहीं मंडी में गेहूं का मूल्य 2000 रूपए प्रति कुन्तल है। दोनों का मूल्य लगभग बराबर होने के कारण सरकारी खरीद के दौरान की जाने वाली तमाम औपचारिकताओं से बचने एवं चेके से भुगतान में होने वाली देरी को देखते हुए किसान अपना गेहूं मंडी में ही लेकर पहुंच रहा है।
रिपोर्ट- अनुपमा सेंगर