मोबाइल और डाटा टैरिफ महंगा करने से दूरसंचार कंपनियों की प्रति ग्राहक कमाई (एआरपीयू) बढ़कर एक दशक के शीर्ष पर पहुंच जाएगी। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कहा, 2025-26 तक हर मोबाइल ग्राहक से ये कंपनियां 225-230 रुपये तक कमाई करेंगी, जो बीते वित्त वर्ष के 180 रुपये से 25 फीसदी तक ज्यादा है। क्रिसिल ने मंगलवार को जारी रिपोर्ट में कहा, उच्च लाभप्रदता और कम पूंजी खर्च के कारण दूरसंचार कंपनियों की क्रेडिट स्थिति में भी सुधार होगा। 5जी सेवाओं की शुरुआत के बाद बढ़े हुए डाटा उपयोग से एआरपीयू को भी मदद मिलेगी। वोडाफोन, एयरटेल और जियो ने हाल में टैरिफ 25 फीसदी तक बढ़ाया है।
पूंजी रिटर्न सुधारने में मिलेगी मदद
टैरिफ वृद्धि से 2025-26 अंत तक दूरसंचार उद्योग को पूंजी पर रिटर्न को 11 फीसदी तक सुधारने में मदद मिलेगी। 2023-24 में यह 7.5 फीसदी था। इसी तरह, कंपनियों का निवेश 28 फीसदी से घटकर अगले वित्त वर्ष में 19 फीसदी रह जाएगा, क्योंकि अधिकांश कंपनियों ने 5जी रोलआउट को पूरा कर लिया है।
प्रीपेड ग्राहकों पर दिखेगा सर्वाधिक असर
रिपोर्ट के अनुसार, वीडियो स्ट्रीमिंग सेवाओं, सोशल मीडिया और गेमिंग एप के अधिक इस्तेमाल के कारण डाटा की अधिक खपत हो रही है। इससे ग्राहक अपने डाटा प्लान को अपग्रेड करा रहे हैं। एजेंसी ने कहा, एआरपीयू में वृद्धि धीरे-धीरे होगी। इसका पूरी तरह असर चालू वित्त वर्ष और अगले वित्त वर्ष में दिखेगा। इस बढ़ोतरी का सर्वाधिक असर प्रीपेड ग्राहकों पर दिखेगा, क्योंकि इनकी संख्या ज्यादा है। इसलिए, जब सारे ग्राहक अगली बार रिचार्ज कराएंगे, तभी कंपनियों की बही खाता में यह कमाई दिखेगी।
स्पेक्ट्रम खर्च में आएगी कमी ः क्रिसिल के निदेशक आनंद कुलकर्णी ने कहा, कंपनियों के नए स्पेक्ट्रम पर खर्च आ सकती है क्योंकि अधिकांश खरीद 2022-23 में ही हुई थी। कंपनियों का कर्ज भी 2025-26 तक घटकर 5.6 लाख करोड़ रह जाएगा