- Published by- @MrAnshulGaurav
- Monday, April 25, 2022
चुनाव प्रक्रिया के दौरान योगी आदित्यनाथ ने सरकार का रिपोर्ट कार्ड जारी किया था। इसमें बेमिसाल पांच साल का दावा किया गया था। पांच सौ साल से लेकर चालीस साल से लंबित अनेक समस्याओं का समाधान इस अवधि में संभव हुआ था। इस दृष्टि से योगी सरकार के पांच साल बेशक बेमिसाल थे। इस अवधि में श्री राम मंदिर निर्माण हेतु भूमि पूजन हुआ। पांच सौ साल का सपना साकार हुआ।
ढाई सौ वर्ष बाद श्री काशी विश्वनाथ धाम को भव्य रूप में प्रतिष्ठित किया गया। एक दर्जन से अधिक सिंचाई परियोजनाएं दशकों से लंबित थीं। इनको पूरा करने का अभियान चलाया गया। पूर्वी उत्तर प्रदेश चालीस सालों से जापानी बुखार की त्रासदी झेल रहा था। पिछली सरकारों ने इस समस्या के प्रति संवेदनशीलता नहीं दिखाई थी जबकि बसपा और सपा को तो क्रमशः पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने व कार्यकाल पूरा करने का अवसर मिला था, लेकिन इस समस्या का समाधान योगी सरकार के पांच वर्षों में संभव हुआ।
इसका प्रमुख कारण था कि योगी आदित्यनाथ इस समस्या के प्रति सदैव संवेदनशील रहे है। सांसद के रूप में वह लोकसभा के साथ साथ तत्कालीन केंद्र व प्रदेश सरकारों के समय यह विषय उठाते रहे लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया। पूर्वी उत्तर प्रदेश में यह एकमात्र समस्या नहीं थी।
कुछ वर्ष पहले तक पूर्वी उत्तर प्रदेश को पिछड़ा व बीमारू माना जाता था, जहां चिकित्सा, मूलभूत व ढांचागत सुविधाओं का अभाव था। योगी आदित्यनाथ सरकार ने इन समस्याओं के समाधान का कार्य प्रारंभ किया। अनेक कल्याणकारी योजनाएं पहले से क्रियान्वित हो रही है। कई योजनाओं का अब लोकार्पण भी किया जा रहा है। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोरखपुर में करीब एक हजार करोड़ रुपये की अनेक परियोजनाओं का लोकार्पण किया। इनमें गोरखपुर खाद कारखाना और एम्स जैसी अति महत्वपूर्ण परियोजना भी शामिल है। दशकों से इन परियोजनाओं की प्रतीक्षा की जा रही थी किंतु पिछली सरकारों ने इनके प्रति गंभीरता नहीं दिखाई। जापानी बुखार समस्या के समाधान व यहां एम्स की मांग की जा रही थी। सांसद के रूप में योगी आदित्यनाथ भी इस मांग को उठाते रहे। उन्होंने अनेक बार यहां बन्द पड़े खाद कारखाने का मुद्दा भी उठाया किंतु यह सभी कार्य उनके ही हांथों पूरे होने थे।
तीन दशक से बंद पड़े इस कारखाने को योगी सरकार ने छियासी सौ करोड़ रुपये की लागत से पुनर्जीवित किया। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए दिमागी बुखार अभिशाप बन गया था। चालीस तक पूर्वी उत्तर प्रदेश में इंसेफेलाइटिस से प्रतिवर्ष हजारों बच्चे कालकवलित हो जाते थे। प्रदेश सरकार को विगत पांच वर्षों में अन्तर्विभागीय समन्वय, विशेष संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान तथा विभिन्न जनजागरूकता अभियान द्वारा दिमागी बुखार के नियंत्रण में अभूतपूर्व सफलता प्राप्त हुई है। मुख्यमंत्री ने सिद्धार्थनगर में विशेष संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान का शुभारम्भ किया। विगत पांच वर्षों में अन्तर्विभागीय समन्वय के माध्यम से कार्य सुनिश्चित किया गया।
स्वच्छ भारत मिशन,शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की प्रभावी योजना का क्रियान्वयन किया गया। आशा वर्कर, आंगनवाड़ी,हेल्थवर्कर, विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ एवं पाथ के सहयोग से अभियान चलाकर संचारी रोग को पूरी तरह से समाप्त करने में सफलता प्राप्त की है। प्रदेश में फाइलेरिया तथा टीबी को पूरी तरह से समाप्त करने का संकल्प लिया गया है। सरकार वर्ष में तीन बार इस प्रकार के स्वास्थ्य सम्बन्धी जनजागरूकता अभियान संचालित करती है, जिसमें स्वास्थ्य विभाग नोडल विभाग होता है और ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज विभाग, नगर विकास विभाग, महिला और बाल विकास विभाग, माध्यमिक एवं बेसिक शिक्षा विभाग,समाज कल्याण विभाग, दिव्यांगजन विभाग सहयोगी की भूमिका का निर्वहन करते हैं।
इस प्रकार अन्तर्विभागीय समन्वय द्वारा संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान को सफलतापूर्वक संचालित किया जा रहा है। जागरूकता अभियान के साथ ही प्रदेश में जापानी इन्सेफेलाइटिस की वैक्सीन लगनी भी प्रारम्भ होंगी। हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के अन्तर्गत विगत पांच वर्षों में तैतीस नए मेडिकल कॉलेज बनाने का रिकॉर्ड उत्तर प्रदेश के नाम है। प्रदेश के सत्रह नये मेडिकल कॉलेजों में अध्ययन-अध्यापन के कार्य प्रारम्भ हैं। आगामी एक वर्ष में सत्रह नये मेडिकल कॉलेजों में भी पठन पाठन के कार्य प्रारम्भ हो जाएंगे। संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान से जुड़कर समन्वित रूप से कार्य किया जाएगा। इस कार्यप्रणाली के पहले भी सकारात्मक परिणाम हुए है। संचारी रोग नियंत्रण में स्वच्छता का भी योगदान होता है।स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत प्रत्येक जरूरतमंद के घर में शौचालय बनाए जा रहे हैं।
अब तक प्रदेश में दो करोड़ इकसठ लाख लोगों के घरों में शौचालयों का निर्माण कराया गया है। ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में करीब चवालिस लाख गरीबों को आवास उपलब्ध कराए गये हैं। प्रदेश में शुद्ध पेयजल के लिए हर घर नल योजना क्रियान्वित की जा रही है। जिससे जलजनित बीमारियों में कमी आएगी। स्वच्छता अभियान में सभी लोगों का सहयोग आवश्यक है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि स्वच्छता को हमें अपने जीवन का हिस्सा बनाना होगा। अपने घरों के आस पास स्वच्छता रखने पर सभी लोगों को ध्यान देना चाहिए। सरकार अपने दायित्व का निर्वाह कर रही है। किंतु जन सहभागिता के बल पर यह अभियान पूरी तरह सफल हो सकेगा। प्रदेश में चलाए जा रहे इस अभियान का उद्देश्य प्रदेश के नागरिकों को स्वस्थ बनाए रखना है। प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं में तेजी से वृद्धि हो रही है।
सभी पात्र लोगों का आयुष्मान कार्ड बनाया जा रहा है। सभी योजनाओं का लाभ बिना भेदभाव के प्रत्येक जरूरतमंद को प्राप्त हो रहा है। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सैनिटाइजेशन, मेलाथियन एवं एण्टी लार्वा के छिड़काव तथा फॉगिंग आदि स्वच्छता सम्बन्धी गतिविधियों को तेजी से क्रियान्वित किया जा रहा है। योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर के पिपरी भटहट में निर्माणाधीन महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। कहा कि प्रदेश के प्रथम आयुष विश्वविद्यालय के निर्माण में गुणवत्ता एवं समयबद्धता पर विशेष ध्यान दिया जाए। इसके दृष्टिगत अधिकारियों की जबाबदेही तय की जाएगी। निर्माण कार्य समयबद्ध ढंग से पूर्ण न होने पर जिम्मेदारों के विरुद्ध कठोरतम कार्यवाई होगी। विश्वविद्यालय के निर्माण कार्यों की नियमित समीक्षा के साथ ही निर्माण की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए टीएसी जांच भी की जाएगी। विश्वविद्यालय के वास्तु में भारतीयता दिखायी देगी।