प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन मामले में चेन्नई की निर्माण कंपनी, उसके प्रवर्तकों और उससे जुड़े लोगों के परिसरों पर धन शोधन मामले की जांच के लिए छापेमारी की। केंद्रीय एजेंसी ने ग्रेटर चेन्नई पुलिस की केंद्रीय अपराध शाखा (सीसीबी) की ओर से ओसियन लाइफस्पेस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, उसके एमडी और सीईओ एसके पीटर, कुछ निदेशकों और अन्य के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी का संज्ञान लेने के बाद जांच शुरू की है।
सूत्रों ने बताया कि चेन्नई शहर और उसके आसपास के करीब छह-सात स्थानों पर ईडी के अधिकारी धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत जांच कर रहे हैं। सीसीबी ने पिछले साल कंपनी के पूर्व निदेशक बी श्रीराम की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की थी, जिन्होंने आरोप लगाया था कि प्रवर्तकों ने उनके साथ ‘धोखा’ किया और बाद में उन्होंने कंपनी के बोर्ड से अपने निष्कासन को चुनौती देते हुए राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) का रुख किया।
कंपनी के प्रवर्तकों और निदेशकों ने बाद में पुलिस प्राथमिकी रद्द करने की मांग करते हुए मद्रास उच्च न्यायालय का रुख किया था। कंपनी निष्कासित निदेशक ने 50 करोड़ रुपये की कथित राशि के मामले को निपटाने के लिए सीसीबी अधिकारियों के खिलाफ धमकी और जबरदस्ती के आरोप लगाए थे। उसके बाद अदालत ने मामले की जांच सीसीबी से राज्य की अपराध शाखा सीआईडी को सौंप दी।