भारत स्वर्ण भंडार के मामले में सऊदी अरब, ब्रिटेन और स्पेन जैसे देशों से काफी आगे है। इन देशों की तुलना में भारत के पास 519.2 टन तक अधिक सोने का भंडार है। फोर्ब्स की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, सोने के भंडार के लिहाज से शीर्ष-20 देशों की सूची में भारत 9वें स्थान पर है। इसके पास 2023 की तीसरी तिमाही तक 800.78 टन सोने का भंडार है। यह सूची में 16वें स्थान पर काबिज सऊदी अरब के 323.07 टन के सोने के भंडार से 477.71 टन, 17वें स्थान पर काबिज ब्रिटेन के 310.29 टन से 490.49 टन व 20वें स्थान वाले स्पेन के 281.58 टन से 519.2 टन अधिक है।
शीर्ष-10 देशों में अमेरिका सबसे आगे
- अमेरिका- 8,133.46 टन
- जर्मनी- 3,352.65 टन
- इटली- 2,451.84 टन
- फ्रांस- 2,436.88 टन
- रूस- 2,332.74 टन
- चीन- 2,191.53 टन
- स्विट्जरलैंड- 1,040.00 टन
- जापान- 845.97 टन
- भारत- 800.78 टन
- नीदरलैंड- 612.45 टन
सऊदी अरब के पास 323.07 टन व ब्रिटेन के पास 310.29 टन भंडार
देशों के स्वर्ण भंडार बनाए रखने के कई कारण हैं। सोने को मूल्य के एक स्थिर और भरोसेमंद भंडार के रूप में पहचाना जाता है। वैश्विक अनिश्चितता के दौर में सोना आर्थिक स्थिरता के प्रति भरोसा पैदा करता है। साथ ही, यह ऐतिहासिक रूप से किसी देश की मुद्रा के मूल्य का समर्थन करने में योगदान देता है। फोर्ब्स ने कहा कि टैंजिबल एसेट्स होने के नाते सोने को अपने भंडार में रखकर कोई भी देश पोर्टफोलियो में विविधता लाने का काम करते हैं। यही विविधता अन्य एसेट्स के मूल्य में उतार-चढ़ाव से जुड़े जोखिमों को कम करने में भी मदद करता है। कुछ देश व्यापार असंतुलन को निपटाने या कर्ज लेने के लिए सोने का इस्तेमाल करते हैं।