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दो डाक सेवकों के शैक्षणिक दस्तावेज मिले फर्जी…दो भागे, चारों की नियुक्ति निरस्त

पौड़ी। डाक विभाग पौड़ी को मिले नवनियुक्त डाक सेवकों के दस्तावेजों की विभागीय जांच में दो डाक सेवकों के शैक्षणिक दस्तावेज फर्जी मिले हैं। दोनों ही उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं, जबकि दो डाक सेवक जांच का नाम सुनकर भाग खड़े हुए। ये मध्य प्रदेश के निवासी बताए जा रहे हैं।

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दो डाक सेवकों के शैक्षणिक दस्तावेज मिले फर्जी...दो भागे, चारों की नियुक्ति निरस्त

विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए चयनित चारों डाक सेवकों की नियुक्ति निरस्त कर दी है। ग्रामीण डाक सेवक के पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया संपन्न होने के बाद पौड़ी के डाक विभाग को 165 डाक सेवक मिले हैं। इनमें 77 नवनियुक्त डाक सेवकों ने पौड़ी मुख्यालय में आमद कराई। पदभार संभालने के लिए लिखे जाने वाले पत्र में नवनियुक्त डाक सेवक हिंदी भी ठीक से नहीं लिख पा रहे हैं।

दो डाक सेवक ज्वाइनिंग के लिए पहुंचे

शैक्षणिक दस्तावेजों में उनके अंक 96-97 फीसदी हैं। विभाग ने नवनियुक्त डाक सेवकों के शैक्षणिक दस्तावेजों की जांच शुरू की, तो डाक विभाग पौड़ी को दो डाक सेवकों के शैक्षणिक दस्तावेज फर्जी मिले हैं। दोनों यूपी के बिजनौर जिले के हैं, जबकि मध्य प्रदेश के रहने वाले दो डाक सेवक ज्वाइनिंग के लिए पहुंचे।

उन्हें विभाग ने शैक्षणिक दस्तावेजों की प्रमाणित प्रति देने और सभी दस्तावेजों की जांच की बात कही, तो वह दस्तावेजों की फोटो कॉपी कराने की कहकर गए, लेकिन लौटकर नहीं आए।

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केस नंबर एक

अनिल कुमार यूपी के बिजनौर जिले में बमनोला, चांदपुर का रहने वाला है। उसने वर्ष 2014 में यूपी बोर्ड से 10वीं परीक्षा 97 फीसदी अंकों से पास की है। जिस पर उसका चयन डाक सेवक पद पर हुआ है। जांच में पाया गया कि जिस रोल नंबर का अंकपत्र अनिल कुमार का है, वह किसी दूसरे छात्र का है, जो बोर्ड परीक्षा में फेल हुआ है, लेकिन दोनों का नाम एक है। हालांकि, माता-पिता का नाम व जन्मतिथि अलग-अलग है।

केस नंबर दो

अंकुर यादव यूपी के बिजनौर जिले के ग्राम हुसैनपुर खासा, बसंतपुर का निवासी है। वर्ष 2013 में 10वीं की बोर्ड परीक्षा 97 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण की है। उसका चयन डाक सेवक के रूप में हुआ और सेवा के लिए पौड़ी डाक विभाग मिला। यहां शैक्षणिक दस्तावेजों की जांच हुई, तो पाया गया कि चयन में जो अंकपत्र अंकुर ने विभाग को दिया, उस अंकपत्र में दर्ज रोल नंबर पर यूपी बोर्ड में वास्तविक तौर एक महिला पंजीकृत है और वह फेल हुई है।

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