अस्ताना। कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में गुरुवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) बैठक का आयोजन हुआ, जिसमें विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए पीएम मोदी की ओर से भारत का वक्तव्य दिया। बैठक से इतर जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात की और सीमावर्ती इलाकों में विवादित मुद्दों के जल्द समाधान की जरूरत पर जोर दिया।
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विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की। दोनों मंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर और इनका पुनर्निर्माण करने के लिए पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शेष मुद्दों का शीघ्र समाधान खोजने पर विचारों का गहन आदान-प्रदान किया। दोनों मंत्री इस बात पर सहमत हुए कि सीमावर्ती क्षेत्रों में मौजूदा स्थिति का लंबा खिंचना किसी भी पक्ष के हित में नहीं है।
मंत्रालय ने कहा विदेश मंत्री ने द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति की वापसी की दिशा में बाधाओं को दूर करने के लिए पूर्वी लद्दाख में शेष क्षेत्रों से पूरी तरह से सैनिकों को पीछे हटाने और सीमा पर शांति एवं स्थिरता बहाल करने के प्रयासों को दोगुना करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने अतीत में दोनों सरकारों के बीच हुए प्रासंगिक द्विपक्षीय समझौतों, प्रोटोकॉल और समझ का पूरी तरह से पालन करने के महत्व की पुष्टि की।
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इस दौरान दोनों मंत्रियों ने राजनयिक और सैन्य अधिकारियों की बैठकों को जारी रखने और बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की, ताकि शेष मुद्दों को जल्द से जल्द हल करने के लिए चर्चाओं को आगे बढ़ाया जा सके। दोनों मंत्रियों ने वैश्विक स्थिति पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया।
इसके अलावा जयशंकर ने यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, कजाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री मूरत नूर्टलेउ, ताजिक विदेश मंत्री सिरोजिद्दीन मुहरिद्दीन, उज्बेकिस्तान के अपने समकक्ष बख्तियोर सैदोव और बेलारूस के विदेश मंत्री मैक्सिम रायजेनकोव के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की।
रिपोर्ट-शाश्वत तिवारी