नई दिल्ली। भारत और ब्रिटेन के बीच छठी साइबर वार्ता नई दिल्ली में आयोजित हुई। इस वार्ता की सह-अध्यक्षता विदेश मंत्रालय के साइबर कूटनीति प्रभाग के संयुक्त सचिव अमित ए. शुक्ला और ब्रिटेन के विदेश, राष्ट्रमंडल एवं विकास कार्यालय (एफसीडीओ) के साइबर नीति विभाग की रणनीति एवं सहभागिता प्रमुख कैट जोन्स ने की।
👉🏼बांग्लादेश के नए सेना अध्यक्ष से मिले नौसेना प्रमुख, रक्षा संबंधों को मजूबत करने पर चर्चा
विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को एक आधिकारिक बयान में कहा वार्ता के दौरान साइबर खतरे का आकलन, इंटरनेट गवर्नेंस, डेटा संरक्षण, महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा, क्षमता निर्माण और संयुक्त राष्ट्र में साइबर क्षेत्र में नवीनतम विकास सहित बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग पर चर्चा की गई। इस दौरान दोनों पक्षों ने सुरक्षित एवं मजबूत साइबरस्पेस बनाने के लिए अपनी-अपनी साइबर एजेंसियों के बीच सहयोग को गहरा करने पर सहमति जताई।
इस वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल में विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय, भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ), भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (सीईआरटी-इन) और राष्ट्रीय महत्वपूर्ण सूचना अवसंरचना संरक्षण केंद्र (एनसीआईआईपीसी) के अधिकारी शामिल रहे। वहीं यूके के प्रतिनिधिमंडल में राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा केंद्र, एफसीडीओ के साइबर नीति विभाग के अधिकारी और ब्रिटिश उच्चायोग की साइबर नीति टीम के प्रतिनिधि शामिल थे।
इससे पहले भारत और ब्रिटेन ने अप्रैल 2022 में लंदन में अपनी वार्षिक साइबर वार्ता आयोजित की थी, जिस दौरान दोनों पक्षों ने साइबर गवर्नेंस, निवारण और पारस्परिक लचीलेपन को कवर करने वाले महत्वपूर्ण द्विपक्षीय जुड़ाव का स्वागत किया था।
उल्लेखनीय है कि मई 2021 में पीएम मोदी और ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन के बीच विस्तारित साइबर सुरक्षा गठजोड़ को लेकर भी एक सहमति बनी थी। तब दोनों देश साइबर अपराधों से बढ़ते खतरे एवं इससे निपटने को लेकर सहयोग एवं समन्वय को प्रगाढ़ बनाने पर सहमत हुए थे।
रिपोर्ट-शाश्वत तिवारी