• आँगनबाड़ी केंद्रों पर नौनिहालों का हुआअन्नप्राशन, माताओं को मिली मच्छरों से बचाव की सीख़
• फाइलेरिया से बचाव को साल में एक बार और लगातारपांच साल दवा का सेवन ज़रूरी
कानपुर नगर।
मंगलवार कोकल्याणपुर ब्लॉक के गंगागंज गांव में स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में अन्नप्रशान दिवसमनाया गया। इस अवसर पर छह माह के बच्चों को ऊपरी आहार की सही मात्रा और भोजन करानेके तरीके की जानकारी प्रायोगिक तौर पर माताओं को दी गईं। साथ ही फाइलेरिया नेटवर्कसदस्य महेंद्र ने मौजूद माताओं को फ्लिप बुक के जरिए अपने घर के आसपास साफ-सफाईरखने और मच्छरों से बचाव की सीख़ भी दी। साथ ही फ़ाइलेरिया उन्मूलन में सभी की भागीदारी सुनिश्चित हो यह भी अपील की।
आंगनबाड़ीकार्यकर्ता मीरा ने शिशुओं को खीर व हलवा खिलाकर इसकी शुरुआत की। अन्नप्राशन केबारे में उन्होंने बताया कि ऊपरी आहार से बच्चे का शारीरिक व मानसिक विकास तेजी सेहोता है। उन्होंने कहा कि धात्री महिलाओं को भी पूरक पोषाहार लेना चाहिए। इससेबच्चा कुपोषण से बच जाता है।
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उन्होंने बच्चों में होने वाली बीमारियों व उसके बचावके बारे में बताया। इसके साथ ही फाईलेरिया नेटवर्क सदस्य महेंद्रने बताया की फाइलेरिया एक संक्रामक रोग है, आमतौरपर इसे हाथीपांव भी कहते हैं। मच्छरों के काटने से होने वाली इस बीमारी के लक्षण 5 से15 वर्षों बाद प्रकट होते हैं। इसीलिए व्यक्ति कोइस बीमारी का लंबे समय तक आभास तक नहीं होता। एक बार लक्षण प्रकट होने के बाद इसबीमारी का मेडिकल साइंस में कोई इलाज नहीं है।
लेकिन यह बीमारी न हो इसके लिए उन्होंनेसाल में एक बार और लगातार पांच साल तक फाइलेरिया रोधी दवा खाने की सिफारिश की ।उन्होंने बताया की यह दवा दो साल से छोटे बच्चे, गर्भवतीव गंभीर बीमार व्यक्तियों को छोड़कर बाकी सभी खा सकते हैं। मच्छरों से बचाव के लिएघर के अंदर व आस-पास साफ सफाई रखें, पानी न जमा होने दें और सोते समयमच्छरदानी का उपयोग करें। साथ ही मच्छरों से बचाव के लिए पूरी बांह के कपड़े पहने, पानीकी बाल्टियों व टंकियों को ढककर रखने, कूलर की नियमित सफाई करने, छत,बरामदों में पड़े पुराने टायरों, खाली डिब्बो में बरसात का पानी इकट्ठा नहीं होने देने की सलाह दी।
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जिला मलेरिया अधिकारी एके सिंह का कहना है किफाइलेरिया जानलेवा तो नही है लेकिन जीवन भर विकलांगता के मामले में विश्व मेंदूसरा सबसे बड़ा कारण है। फाइलेरिया रोधी दवाओं के सेवन से हमेशा के लिए इस बीमारीसे बचा जा सकता है ।
ऐसे फैलता है फाइलेरिया
फाइलेरिया से संक्रमित व्यक्ति को जब मच्छरकाटता है तो वह भी संक्रमित हो जाता है। यह संक्रमित मच्छर आगे जब किसी स्वस्थव्यक्ति को काटता है तो उसे भी फाइलेरिया से संक्रमित कर देता है। इसके लक्षण 5से 15 साल बाद प्रकट होते हैं।
रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर