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सुगम्य भारत अभियान का विस्तार

लखनऊ/प्रयागराज। नरेंद्र मोदी के आध्यात्म के प्रति अभिरुचि से सभी परिचित है। यह भी देखा गया कि तीर्थ नगरी में पहुंच कर वह भाव विभोर हो जाते है। इसी के साथ प्रधानमंत्री पद के संवैधानिक दायित्वों के प्रति भी उतनी ही गम्भीरता रहती है। प्रयागराज और चित्रकूट यात्रा में नरेंद्र मोदी के ये दोनों पहलू प्रभावित करने वाले थे। प्रयागराज में उन्होंने सुगम्य भारत अभियान के अंतर्गत दिव्यांगों को उपकरण प्रदान किये। यह सरकार का दायित्व था। संगम नगरी में उन्होंने आध्यात्म का उल्लेख किया। यह उनकी अपनी मूल प्रवत्ति थी।

PM मोदी ने यहां एक श्लोक का उल्लेख किया-
स्वस्ति: प्रजाभ्यः परिपालयंतां. न्यायेन मार्गेण महीं महीशाः! अर्थात शासन का यह दायित्व है कि प्रत्येक व्यक्ति का कल्याण हो, प्रत्येक व्यक्ति को न्याय मिले। उंन्होने पिछले प्रयागराज कुम्भ का स्मरण किया। कहा कि तब उन्हें संगम में स्नान और सफाई कर्मियों के चरण धोने का सौभाग्य मिला था। इस बार हजारों दिव्यांग जनों और बुजुर्गों, वरिष्ठ जनों की सेवा करने का अभी अवसर मिला है। यहां करीब सत्ताईस हजार साथियों को उपकरण दिए गए हैं।


नरेंद्र मोदी ने चित्रकूट में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का शिलान्यास और कृषक उत्पादन संगठन एफपीओ का शुभारंभ किया। यह उनका शासकीय कार्य था। इसी के साथ चित्रकूट की धरती से प्रभु राम का स्मरण किया। यह उनकी आध्यात्मिक चेतना थी। चित्रकूट के भरतकूप स्थित गोड़ा गांव में उंन्होने बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का शिलान्यास किया। स्थानीय बोली में उंन्होने कहा कि यहां प्रभु राम जानकी और भ्राता लक्ष्मण के साथ यहां आए थे। करीब पंद्रह हजार करोड़ की लागत से बनने वाला एक्सप्रेस वे यहां रोजगार के हजारों अवसर तैयार करेगा। केंद्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य को डेढ़ किया। करोड़ो की संख्या में सॉयल हेल्थ कार्ड दिए गए। यूरिया की सौ प्रतिशत नीम कोटिंग की गई। दशकों से अधूरी सिंचाई परियोजनाओं की गईं। देश के सभी प्रांत के किसानों को क्रेडिट कार्ड दिया गया। मोदी ने कहा कि चित्रकूट में रामजी अपने भाई लखन और सिया जी के साथ इतई निवास करत है। जासे हम मर्यादा पुरुषत्तम राम की तपोस्थली में आप सभी को अभिनंदन करत हौं।


गोस्वामी तुलसीदास ने कहा था कि चित्रकूट के घाट पर भई संतन की भीड़। आप सभी को देखकर आपके इस सेवक को भी कुछ ऐसी अनुभूति हो रही है। चित्रकूट एक स्थान नहीं बल्कि भारत के पुरातन जीवन की काल की संकल्प स्थली और तपोस्थली है, इस धरती ने मार्यादा और आदर्श मिले हैं। भारत पुरातन परंपराओं को बदेलते हुए उन्हें जीवंत रखने के प्रयोग भी इसी धरती पर हुए हैं। इस धरती ने भारतीयों में मर्यादा के नए संस्कार गढ़े हैं। प्रभु श्रीराम आदिवासियों से, वन्य प्रदेश में रहने वालों से कैसे प्रभावित हुए थे, इसकी कथाएं अनंत हैं। यहीं नाना जी देशमुख ने ग्रामोदय से राष्ट्रोदय संकल्प लिया था। उसको साकार किया। योगी आदित्यनाथ सरकार ने भी बुंदेलखंड के विकास पर विशेष ध्यान दिया है। बुन्देखण्ड एक्सप्रेस वे से यहां के विकास को गति मिलेगी। बुंदेलखंड के प्रत्येक घर में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति शुरू होने जा रही है। उत्तर प्रदेश के दो करोड़ पांच लाख किसान प्रधानमंत्री किसान योजना का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। ग्यारह हजार करोड़ की राशि किसानों के खाते में आ चुकी है। किसान योजना के एक साल पूरे होने के अवसर पर चित्रकूट में दस हजार किसान उत्पादक संगठनों की शुरुआत की गई। पन्द्रह हजार रुपये की लागत से करीब तीन सौ किलोमीटर लम्बे बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का निर्माण शुरू होगा। सरकार किसानों को तकनीकी,वित्तीय सहयोग एवं बाजार पहुंच हेतु सहायता देगी। तीन लाख रुपये तक के ऋण पर किसानों से कोई सेवा शुल्क नहीं है। छह करोड़ से अधिक किसान क्रेडिट कार्ड सक्रिय है। दिव्यांग जनों की सहायता के लिए भी सरकार ने अनेक निर्णय लिए है।

PM मोदी ने कहा कि पहले दिव्यांग जनों के लिए इस तरह के कैंप बहुत ही कम लगा करते थे। जबकि पिछले पांच वर्षों में नौ हजार कैंप लगवाए गए। मोदी सरकार के पहले तीन सौ अस्सी करोड़ रुपए से भी कम के उपकरण बांटे गए,जबकि मोदी सरकार में नौ सौ करोड़ रुपए से ज्यादा के उपकरण बांटे गए है। सात सौ से ज्यादा रेलवे स्टेशन,एयरपोर्ट,अनेक इमारतों दिव्यांगजनों के लिए सुगम्य बनाई जा चुकी हैं। इंडियन साइन लैंग्वेज रिसर्च एंड ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना की है।
पहली बार दिव्यांगजनों के अधिकारों को स्पष्ट करने वाला कानून लागू किया।पहले दिव्यांगों की जो सात अलग अलग तरह की कैटेगरी होती थी, उसे बढ़ाकर इक्कीस कर दिया गया। वरिष्ठ नागरिकों की सुविधा हेतु राष्ट्रीय वयोश्री योजना शुरू की गई। योगी ने इसे दिव्यांगजनों का कुम्भ बताया। यहां प्रयागराज कुम्भ से लेकर कई विश्व रिकॉर्ड बन रहे है।

रिपोर्ट-डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

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