नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश के किसान धरती माता के प्रति अपनी जिम्मेदारी को लेकर सजग हैं और स्वेच्छा से कीटनाशकों से दूरी बना रहे हैं। उन्होंने कहा, प्राकृतिक खेती किसानों को इस मामले में ज्यादा फायदे दे रही है। प्रधानमंत्री ने इस बात को रेखांकित किया कि अधिक से अधिक किसानों की ओर से प्राकृतिक खेती को अपनाने के कारण इस मामले में महत्वपूर्ण मील का पत्थर क्षितिज पर नजर आ रहा है।
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पीएम मोदी ने रविवार को दिल्ली में 61 फसलों की 109 किस्में किसानों को सौंपते और उनसे बात करते समय अलग ही रूप ही दिखे। अधिकारियों ने बताया, इस मुलाकात के दौरान बारिश होने लगी तो पीएम से अनुरोध किया गया कि मुलाकात को आगे के लिए टाल दिया जाए। हालांकि मोदी नहीं माने और मुलाकात तय समय पर ही हुई। यही नहीं, पीएम ने अपना छाता भी खुद पकड़ा। उन्होंने किसानों का छाता पकड़ने का भी प्रस्ताव दिया।
इस दौरान पीएम मोदी ने कृषि क्षेत्र में शोध और नवाचार के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के जय जवान-जय किसान के साथ अटल बिहार वाजपेयी के जय विज्ञान को याद करने के साथ अपनी ओर से जोड़े जय अनुसंधान की चर्चा की और कहा कि उनका यह नारा शोध और नवाचार को सबसे प्राथमिकता देता है। पीएम ने कहा, फसलों की 109 किस्में इसी अनुसंधान का परिणाम है।
सलाह: नई किस्मों का पहले कम मात्रा में करें इस्तेमाल
पीएम मोदी ने किसानों से कहा कि वह खुद फसलों की नई किस्मों का इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर दूसरों की ओर से इनके इस्तेमाल का परिणाम देखने के लिए इंतजार कर सकते हैं। उन्होंने किसानों से यह भी कहा कि वह नई किस्मों को पहले कम मात्रा में इस्तेमाल करें। अपने खेतों के चारों कोनों पर पहले इनका इस्तेमाल कर देखें और परिणाम जानने के बाद व्यापक रूप से इस्तेमाल करें।
किसानों के लिए तीन गुना तेजी से काम करने का सबूत
पीएम ने फिर याद दिलाया कि उन्होंने लोगों से अपने तीसरे कार्यकाल में तीन गुना रफ्तार से काम करने का वादा किया था और किसानों के लिए उनकी सरकार की ताजा पहलें इसका सबूत है कि वह इस रफ्तार से काम कर रहे हैं। उन्होंने फसलों की इन नई किस्मों को किसानों को सौंपते समय बेहद खुशी होने की बात कही।