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इंसीक्‍योरिटी की फीलिंग आपको भी कर सकती हैं बिमारी, इन बातों का जरुर रखें ध्यान

खानपान का हमारी सेहत पर पूरा प्रभाव पड़ता है। कम वसा युक्त और हेल्दी आहार न केवल वजन कम करता है बल्कि शरीर को स्वस्थ रखने में भी मदद करता है। शरीर की जरूरत के अनुसार खाने का पैटर्न बदलने से गंभीर बीमारियों से भी बचाव हो सकता है। महिलाओं को अपने खानपान की आदतों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है।

यूएस डिपार्टमेंट ऑफ हेल्‍थ एंड ह्रयूमन सर्विस के विमेंस हेल्‍थ के मुताबिक आम तौर पर इस उम्र से गुजर रही महिलाओं के बच्‍चे बड़े हो चुके होते हैं और वे अपने अपने पढ़ाई या कामों में व्‍यस्‍त रहते हैं. यही नहीं, काम के सिलसिले में अधिकतर बच्‍चे घर से बाहर अपने माता पिता से अलग रहने लगते हैं.

ऐसे में अकेलापन और इंसीक्‍योरिटी की फीलिंग इस उम्र की महिलाओं को बुरी तरह प्रभावित करती है. यही नहीं, इस उम्र तक कई महिलाओं के मां पिता भी गुजर चुके होते हैं. अकेलेपन के इस शुरुआती दौर में ये महिलाएं ख़ुद को कई तरह की असमंजसता में पाती हैं.
उनके मन में इस तरह की बातें घर करने लगती हैं कि उनके जीवन का अब क्‍या अस्तित्‍व है.

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