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विभागीय कार्यों को जनता से जोड़ने के लिए बेहतर विकल्प तैयार करने का दिया निर्देश
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ऐसी रणनीतियां तैयार करने के लिए कहा जो भविष्य में कारगर हों
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बैठक में आउटपुट परफारमेन्स बेस्ड सड़क रखरखाव नीति की समीक्षा
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सड़कों की सतत अनुरक्षण की व्यवस्था को लागू करने पर ज़ोर
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स्टेट लेवल निरीक्षण के लिए टीम बनाकर पूरे प्रदेश में निरीक्षण कराने के निर्देश
- Published by- @MrAnshulGaurav
- Tuesday, April 12, 2022
लखनऊ। उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग मंत्री जितिन प्रसाद की अध्यक्षता में आज लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ प्रमुख अभियन्ता कार्यालय स्थित सभागार में बैठक आयोजित की गई।
बैठक में ’मंथन’ कार्यक्रम के अन्तर्गत लोक निर्माण विभाग, उ0प्र0 राजकीय निर्माण निगम लि0, उ0प्र0 राज्य सेतु निगम लि0 और उपशा के पुनर्गठन के सम्बन्ध में आबद्ध विशेषज्ञ परामर्शी फर्म डेलॉयट ने लोक निर्माण विभाग मंत्री के समक्ष प्रस्तुतीकरण भी दिया।
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जितिन प्रसाद ने बैठक में विभागीय कार्यो को जनता से जोड़ने का एक बेहतर विकल्प तैयार करने का निर्देश दिया गया और ऐसी रणनीतियां तैयार करने के लिए कहा गया जो भविष्य में कारगर हों। लोक निर्माण विभाग मंत्री श्री जितिन प्रसाद ने आउटपुट परफारमेन्स बेस्ड सड़क रखरखाव नीति की समीक्षा की, जिसके तहत, बेहतर सड़कों की सतत अनुरक्षण की व्यवस्था को लागू किया जा सके।
विभाग को उक्त नीति को पॉयलट प्रोजेक्ट के सफल परीक्षण के उपरान्त शीघ्रातिशीघ्र प्रदेश भर में लागू करने का निर्देश दिया गया। इसकी प्रभावी रूपरेखा व कार्ययोजना बनाकर कार्यों को धरातल पर उतारे जाने के भी निर्देश दिए गए।
श्री प्रसाद ने बैठक में विभिन्न सुझावों जैसे सोलर पैनल, लीगल केस मॉनीटरिंग सिस्टम, वैकल्पिक विवाद निस्तारण नीति, विभागीय ट्रेनिंग नीति आदि की समीक्षा की और विभाग में लागू करने के निर्देश दिये। उन्होंने लोक निर्माण विभाग की भूमि जो अवैध रूप से अतिक्रमित है, को चिन्हित कर स्थायी रूप से अतिक्रमण मुक्त कराने के निर्देश दिए। उन्होंने स्टेट लेवल निरीक्षण हेतु टीम बनाकर कर पूरे प्रदेश में निरीक्षण कराने के निर्देश भी दिये।
बैठक में प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग नितिन रमेश गोकर्ण, प्रमुख अभियन्ता विकास एवं विभागाध्यक्ष राकेश सक्सेना, प्रमुख अभियन्ता (ग्रामीण सड़क), मनोज कुमार, प्रमुख अभियन्ता अरविन्द कुमार श्रीवास्तव, एम0डी0 राजकीय निर्माण निगम, एम0डी0 उ0प्र0 राज्य सेतु निगम, मेम्बर टेक्निकल उपशा व कई अन्य मुख्य अभियन्तागण भी मौजूद थे।