उत्तर प्रदेश के बदायूं में मृत महिला की आंख निकालने के मामले में पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर और कर्मचारियों के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में एफआईआर दर्ज हुई है। इस मामले की जानकारी के बाद डीएम और एसएसपी ने सोमवार रात पोस्टमार्टम हाउस पहुंचकर महिला के शव का दोबारा पोस्टमार्टम कराया। वहीं पोस्टमार्टम में शामिल डॉक्टरों को सिविल लाइंस थाने बुलाकर उनके बयान दर्ज किए हैं। पोस्टमार्टम हाउस के कर्मचारियों को भी थाने बुलाकर पूछताछ की जाएगी।
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जिले के मुजरिया थाना क्षेत्र के रसूला गांव के जोगेंद्र की 19 वर्षीय पत्नी पूजा ने रविवार दोपहर फांसी के फंदे से लटककर जान दे दी थी। पूजा की मौत की सूचना पाकर पहुंचे मायके वालों ने जोगेंद्र और उसके परिवार वालों पर दहेज हत्या का आरोप लगाया था।मायके वालों की सूचना पर मुजरिया पुलिस ने महिला का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा था।
सोमवार दोपहर शव का पोस्टमार्टम कराया गया। उसी दौरान मायके वाले पूजा का शव को लेकर अपने गांव चले गए।वह देर रात अंतिम संस्कार कर रहे थे। तभी पूजा की आंखें गायब देखीं। परिवार वालों ने शव का अंतिम संस्कार नहीं किया और सीधे डीएम आवास पहुंचे और डीएम मनोज कुमार को इस घटना से अवगत कराया।डीएम ने दोबारा शव का पोस्टमार्टम कराने का आदेश दिया।
डीएम के आदेश पर तीन डॉक्टरों का पैनल गठित किया गया।परिवार वाले उसी दौरान शव को पोस्टमार्टम हाउस लेकर पहुंचे। रात लगभग 12:30 बजे डीएम मनोज कुमार, एसएसपी डॉ ओपी सिंह और सीएमओ डॉ प्रदीप कुमार वाष्र्णेय समेत कई पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी भी पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गए। फिर उन्होंने अपनी मौजूदगी में पूजा के शव का पोस्टमार्टम कराया।
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मंगलवार दोपहर सिविल लाइंस पुलिस ने मृतक पूजा के पिता गंगाचरण की तहरीर पर पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर और कर्मचारियों के खिलाफ मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम 1994 धारा 18 और धारा 297 (मानव भावनाओं को ठेस पहुंचाने) के आरोप में एफआईआर दर्ज की है। इस संबंध में महिला के शव का पोस्टमार्टम करने वाले दो डॉक्टरों को सिविल लाइंस थाने बुलाया गया। थाने में उनके बयान दर्ज किए गए हैं।