दिल्ली में यमुना नदी का उफान फिर से डराने लगा है, जिसके चलते राजधानी में दोबारा से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। यमुना अब भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। ऐसे में आज भी हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से 2.9 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से निचले इलाकों में टेंशन बढ़ गई है।
यमुना किनारे रहने वालों के लिए प्रशासन की ओर से अलर्ट जारी कर दिया गया है। एक क्यूसेक का मतलब 28.32 लीटर प्रति सेकेंड पानी होता है। केंद्रीय जल आयोग द्वारा यमुना के जलस्तर में वृद्धि का पूर्वानुमान व्यक्त किए जाने के बाद दिल्ली सरकार ने अधिकारियों को बाढ़ संभावित क्षेत्रों पर नजर रखने तथा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का इंतजाम करने का निर्देश दिया है।
हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद दिल्ली सरकार ने अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों पर नजर रखने तथा बाढ़ संभावित क्षेत्रों में जरूरी कदम उठाने की सलाह दी है। अधिकारियों को तटबंध के समीप रह रहे लोगों को चेतावनी जारी करने तथा उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का इंतजाम करने की सलाह भी दी गई है।
केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के आंकड़ों के मुताबिक, शुक्रवार शाम छह बजे यमुना का जल स्तर 205.34 मीटर तक पहुंच गया था। मौसम विभाग ने 22 जुलाई तक उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में छिटपुट स्थानों पर भारी से अति भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
गौरतलब है कि यमुना का जलस्तर 13 जुलाई को 208.66 मीटर के सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बाद सिविल लाइंंस, यमुना बाजार, कश्मीरी गेट आईएसबीटी, लालकिला और आईटीओ समेत कई इलाकोंं में भारी बाढ़ आ गई थी। दिल्ली में बाढ़ का असर बेहद विनाशकारी रहा और 27000 लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा।
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण पिछले दो-तीन दिनों में दिल्ली में यमुना का जलस्तर शुक्रवार को ओल्ड रेलवे ब्रिज पर एक बार फिर 205.33 मीटर के खतरे के निशान को पार कर गया था। इससे बाढ़ प्रभावित निचले इलाकों में फिर से बाढ़ का खतरा गहराने लगा है।