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टीबी जैसी जानलेवा बीमारी को रोकने के लिए अपनाएं ये सरल उपाय, जानें इसके उपाय

बिना पोषण का आहार केवल पेट ही नहीं भरता बल्कि कई बीमारियों का कारण बनने वाले जीवाणु तथा कीटाणु भी हमारे शरीर में भरता है और शरीर को कमजोर बनाता है।

इस दौरान सांस के जरिये जीवाणु तथा कीटाणु हमारे फफड़े से चिपक जाते है जिससे खांसी, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ होना ऐसी ही अन्य समस्याएं होना शुरू हो जाती है। जिससे की क्षय रोग (टीबी) होने का जोखिम भी बढ़ जाता है।

(टीबी) के लक्षण-
1. तीन हफ़्तों से जयादा तथा लगातार खांसी का बना रहना।
2. खांसी के साथ साथ बुखार का आना तथा ठण्ड लगना ।
3. सीने में दर्द होना तथा खांसी आते समय अधिक दर्द होना।
4. कमजोरी तथा थकाबट।
5. भूख न लगना तथा वजन का कम होना।
6. रात में तथा सोते समय अधिक पसीना आना।

टीबी के मरीजों के लिए मेडिकल न्यट्रिशन थेरेपी
डॉक्टर अनु अग्रवाल के मुताबिक टीबी के साथ कुपोषण एक बहुत ही सामान्य, लेकिन बड़ी चुनौती है। जिस कारण मरीजों को टीबी की एंटीबायोटिक दवाइयों के साथ साथ मल्टीविटामिन्स, मल्टीमिनरल्स तथा उचित मात्रा में एनर्जी, प्रोटीन, फैट, कार्बोहाइड्रेट्स, तथा भोजन में फाइबर की सही मात्रा होना जरुरी है जो की इस प्रकार हैं।
सन्तुलिन आहार की थाली में यह सुनिश्चित करे की सभी प्रकार के खाद्य पदार्थ जैसे की भिन्न भिन्न प्रकार के अनाज, दालें, दूध, दही, घी, पनीर, हरी तथा अन्य प्रकार की सब्जियां एवं फल, गुड़ तथा सही मात्रा में भोजन में नमक हो। इस प्रकार हम टीबी से होने वाली मृत्यु दर को रोक सकते है तथा मरीज के अच्छे स्वास्थ्य की परिकल्पना करना पूरी तरह संभव है।

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