इस्राइल के पूर्व प्रधानमंत्री एहुद ओलमर्ट ने इस्राइल और हमास के बीच जारी युद्ध के बीच एक दावा किया है। पूर्व पीएम का कहना है कि 2008 के गाजा युद्धविराम के बाद इजरायल और फलस्तीन ने शांति का एक ऐतिहासिक अवसर गंवा दिया था। उन्होंने शांति स्थापति करने में मिली असफलता का कारण हमास के हमलों को बताया। गौरतलब है कि इस्राइल और हमास के बीच सात अक्तूबर से युद्ध जारी है, जब हमास ने इस्राइल पांच हजार से अधिक मिसाइलें दागीं थीं।
फर्स्टपोस्ट डिफेंस समिट- 2024 में शामिल हुए पूर्व पीएम ने कहा कि हमास के अनचाहे हमले के कारण हमने शांति का मौका गंवा दिया था। 2005 में मैं जब इस्राइल का उप प्रधानमंत्री बना तो गाजा अलग था। हमने गाजा में एक सेंटीमीटर भी कब्जा नहीं किया। हम गाजा से बाहर निकल आए। लेकिन हमास ने हमारे निकलते ही इस्राइली टाउनशिपों पर रॉकेट दागने शुरू कर दिए, जो अब भी जारी है। इसी वजह से इस्राइल को जवाबी कार्रवाई करना पड़ा।
हमने दो राज्य समाधान का प्रस्ताव दिया था, पर…
ओलमर्ट ने आगे कहा कि 2008 और 2009 का समय था, जब इस्राइल और फलस्तीनियों के बीच संघर्ष खत्म हो सकता था। उस वक्त मैं प्रधानमंत्री था। मैंने शांति योजना के लिए फलस्तीनी प्राधिकरण के राष्ट्रपति महमूद अब्बास को दो राज्य समाधान का प्रस्ताव दिया था। इस्राइल की ओर से आधिकारिक रूप से यह प्रस्ताव मैंने दिया था। दो राज्य समाधान में सीमाओं का बंटवारा 1967 के आधार पर था। प्रस्ताव में अरब की तरफ वाला यरूशलम फलस्तीन की राजधानी के रूप में प्रस्तावित थी।