उत्तर प्रदेश में योगी सरकार केजी से पीजी तक Free Education देने की तैयारी में है। इसके लिए डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा के निर्देश पर शिक्षा विभाग में कमेटी का गठन भी कर दिया गया है। कमेटी का प्रस्ताव आने के बाद अगले साल से इस योजना को लागू करने का प्रयास किया जाएगा।
Free Education, बैठक में लिया गया फैसला
गुरुवार को डॉ दिनेश शर्मा ने उच्च और माध्यमिक शिक्षा विभाग का सत्र नियमित करने के लिए अहम बैठक की है। जिसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए है। इसमें KG से PG तक फ्री एजुकेशन देने का भी फैसला शामिल था। डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा ने इस बार विभाग में नये प्रस्ताव के अंतर्गत सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को जो केजी में दाखिला लेगा उसे पीजी तक निशुल्क शिक्षा देेने का प्लान है।
यूपी में मानक विहीन स्कूलों का अभियान रद्द
यूपी में पिछले सत्र में मानक विहीन स्कूलों को रद्द करने के लिए सरकार की ओर से अभियान चलाया गया था। लेकिन वह सफल होने के बजाय अफसरों की हीला हवाली का शिकार हो गया। यूपी के जिलों में मानक विहीन स्कूलों की भरमार नये सत्र को देखते हुए तेज हो गई है। लेकिन सरकार के सरकारी अफसर अभी तक सुस्ती में हैं। जिससे हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी जूनियर हाईस्कूल, हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के छात्रों के भविष्य के साथ खिलावाड़ करने की तैयारी में मानक विहीन अवैध विद्यालय लगे हुए हैं।
विश्वविद्यालयों में नये शैक्षिक कैलेंडर से चलेंगी कक्षाएं और होंगी परीक्षाएं
बैठक में निर्णय लिया गया है कि प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों का एक समान शैक्षिक कैलेंडर होगा। सभी विश्वविद्यालय 5 जुलाई से शिक्षकों को बुलाएंगे और 10 जुलाई से कक्षाएं चलेंगी। एनुअल मोड में पढ़ाई होती है, वहां 5 मार्च से 30 अप्रैल के बीच परीक्षाएं कराकर 5 जून तक रिजल्ट घोषित करना होगा। वहीं सेमेस्टर मोड में नवंबर चौथे सप्ताह से ऑड सेमेस्टर और 10 मई तक इवेन सेमेस्टर की परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी। सभी विश्वविद्यालयों में 15 मई से समर वेकेशन शुरू होगी।
पीएचडी के लिए कॉमन ऑर्डिनेन्स
डॉ दिनेश शर्मा ने बताया कि सभी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह अब सितंबर और अक्टूबर के दौरान होंगे। इसके साथ बैठक में यह भी फैसला हुआ कि सभी विश्वविद्यालयों में पीएचडी के लिए कॉमन ऑर्डिनेन्स तैयार कराया जाएगा। इसके लिए 5 कुलपतियों की समिति बनाई गई है। इसमें लखनऊ, फैजाबाद, कानपुर और आगरा विश्वविद्यालय के अलावा एकेटीयू के कुलपति भी शामिल हैं।
शिक्षकों का डाटा बैंक आधार से होगा लिंक
बैठक में फैसला हुआ कि सभी विश्वविद्यालय और कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों और वहां के शिक्षकों का डाटा बैंक बनाया जाएगा, जो आधार से लिंक होगा। इसकी जिम्मेदारी एकेटीयू को दी गई है। डॉ दिनेश शर्मा ने बताया कि जिस तरह निजी स्कूलों के लिए शुल्क नियंत्रण अध्यादेश लगाया गया है। वैसे ही सेल्फ फाइनेन्स डिग्री कॉलेजों की फीस पर भी लगाम लगाई जाएगी। इसके अलावा शिक्षक भर्ती के लिए पात्र अभ्यर्थियों को स्क्रीनिंग परीक्षा देने के लिए फैसला करने के लिए कमेटी को प्रस्ताव बनाने को कहा गया है।