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हवाई हमलों के बाद ईरान-पाकिस्तान में तनाव, जवाबी कार्रवाई से बैचेन हो उठा चीन; मध्यस्थता का अलापा राग

पाकिस्तान के बलूचिस्तान में 16 जनवरी की रात ईरान ने हवाई हमले किए थे। ये हमले पाकिस्तान की सीमा में मौजूद ईरानी आतंकी संगठन जैश अल अदल पर किए गए थे। इन हवाई हमलों के बाद पाकिस्तान और ईरान के बीच तनातनी का माहौल है। हवाई हमलों के बाद पाकिस्तान ने ईरान के राजदूत को देश छोड़ने को कहा था और तेहरान में पाकिस्तान के राजदूत को वापस बुला लिया है। ड्रोन और मिसाइल से किए गए हमलों से बौखलाए पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई का दावा किया है।

ईरान-पाकिस्तान में तनाव, बैचेन हो उठा चीन
इसी बीच, भारत के पड़ोसी देश चीन ने पाकिस्तान और ईरान के बीच बढ़ रहे तनाव को कम करने के लिए मध्यस्थता करने की पेशकश की है। चीन ने दोनों देशों से उत्तेजित न होने, संयम और शांति बनाए रखने की बात कही है। गुरुवार को पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई के तहत सिएस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में सैन्य हमले किए, जिसमें 9 लोग की मौत हो गई है। दोनों देशों के बीच बढ़ रही दूरियों से चीन बेहद परेशान दिखाई दे रहा है। पाकिस्तान का पसंदीदा दोस्त चीन विगत वर्षों में ईरान के बेहद करीब आया है। जिसके जरिए चीन पश्चिम एशिया क्षेत्र में अपने प्रभाव बढ़ाने में की कोशिश कर रहा है। गौरतलब है कि 2023 में सऊदी अरब और ईरान की कट्टर दुश्मनी को चीन ने मध्यस्थता करके एक समझौते के तहत कम कर दी थी। खास बता है कि चीन ईरान से भारी मात्रा में तेल आयात करता है।

हम चाहते हैं कि दोनों देशों में बीच रहे शांति- चीन
पाकिस्तान-ईरान के संबंध में खटास को लेकर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है कि पाकिस्तान ने ईरान पर हमले किए। माओ ने कहा कि हमारा ध्यान दोनों के बीच तनाव को कम करना है। हमारा मानना है कि देशों के बीच संबंध संयुक्त राष्ट्र के चार्टर, अंतरराष्ट्रीय कानून के उद्देश्यों और सिद्धांतों के आधार पर होने चाहिए। माओ ने कहा कि सभी देशों की संप्रभुता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किया जाना चाहिए। हमें उम्मीद है कि दोनों देश शांति और संयम बरतेंगे। हम दोनों के बीच मध्यस्थता करने को तैयार हैं। हमें उम्मीद है कि पाकिस्तान और ईरान आपसी मुद्दों के बेहतर तरीके से संभाल लेंगे।

चीन को महत्वकांक्षी परियोजना सीपीईसी के डूबने का डर
चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) चीन की एक महत्वकांक्षी परियोजना है। पाकिस्तान-ईरान के बीच रिश्तों में दरार के बाद चीन की 60 अरब अमेरिकी डॉलर की सीपीईसी को लेकर संशय बन गया है। बता दें पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान और ईरान को चीन के शिनजियांग प्रांत से जोड़ता है। पाकिस्तान के बलूच राष्ट्रवादियों और सुन्नी चरमपंथियों के बीच तनाव बढ़ रहा है। अक्सर पाकिस्तान में चीन के श्रमिकों पर बार-बार हमले की खबरें सामने आती रही है।

पाकिस्तान के पीएम ने अपनी दावोस की यात्रा में की कटौती
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अनवर उल हक काकर ने ईरान-पाकिस्तान के बीच दरार के बाद अपने दावोस के दौरे में कटौती की है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधान मंत्री अनवर उल हक काकर विश्व आर्थिक मंच की 54वीं वार्षिक बैठक में भाग लेने के लिए दावोस में हैं। लेकिन पाकिस्तान में हुए घटनाक्रम के मद्देनजर उन्होंने अपनी इस यात्रा में कटौती की है।

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