गोररवपुर/चौरी चौरा. अखिल भारतीय ब्राह्मण जन कल्याण समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं0 कल्याण पाण्डेय ने प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा ब्राह्मण समाज के आराध्य भगवान श्री परशुराम जयंती का अवकाश निरस्त किये जाने पर तीव्र आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि ईश्वर को महापुरूषो की श्रेणी में रखा जाना घोर अपमान जनक है। उन्होंने कहा भगवान श्री राम और श्री परशुराम समकालीन थे,जहाँ श्री राम विष्णु जी के अवतार थे वही श्री परशुराम शंकर जी के अवतार थे।
श्री पाण्डेय ने अपने चौरी चौरा स्थित कार्यालय पर एक आपात बैठक बुलाकर परशुराम जयंती पर अवकाश निरस्त किये जाने के प्रति खासा रोष व्यक्त किया। उन्होने कहा कि ब्राह्मण समाज की मांग पर 3 मई 2005 को प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने अक्षय तृतीया पर भगवान श्री परशुराम की जयंती पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया था। यह दुर्भाग्य पूर्ण है कि श्री राम मंदिर निर्माण की समर्थक भाजपा सरकार ने श्री परशुराम और निर्माण के देवता भगवान विश्वकर्मा की जयंतियों को निरस्त कर दिया।इसका खामियाजा आने वाले विधान सभा चुनाव में भाजपा को भुगतना पड़ेगा।
श्री पाण्डेय ने कहा कि भगवान श्री परशुराम धरती पर अन्याय और अत्याचार के विरुद्ध संघर्ष के प्रतीक के तौर पर जाने जाते हैं। भगवान श्री परशुराम और हनुमान जी ईश्वर के ऐसे अंशावतार है जो इस कलयुग में भी सशरीर धरती पर विचरण कर रहे हैं। उन्होने देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ को ईमेल भेज कर अपने निर्णय पर पुर्न विचार करते हुए भगवान श्री परशुराम और विश्वकर्मा भगवान की जयंती पर पुन: सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग की है।
बैठक में रविन्द्र पान्डेय,विपिन शुक्ल, गोरखपुर ग्रामीण विधान सभा अध्यक्ष मुकेश दुबे,हरेंदर दुबे,सर्वेश शुक्ल, विपिन तिवारी,बृजेश पाण्डेय,अमित दुबे,दीपनाराय पाण्डेय,चंद्रभूसण मणि,हर्षित शुक्ल,शम्भू शुक्ल आदि ने भगवान परशुराम जयंती के अवकाश को निरस्त किये जाने को भाजपा सरकार की ताबूत में अन्तिम कील बताया।सभी ने एक स्वर में कहा कि प्रदेश का ब्राह्मण समाज ही भाजपा सरकार का पिण्ड दान करेगा। बैठक की अध्यक्षता सोनू दुबे व संचालन सर्वेश शुक्ल ने किया।
रिपोर्ट: रंजीत जयसवाल