भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर इस समय युगांडा और मोजाम्बिक के दौरे पर हैं। एस. जयशंकर का कंपाला पहुंचने पर युगांडा के विदेश मंत्री जनरल जेजे ओडोंगो और रक्षा और पूर्व सैनिकों के मामलों के मंत्री विन्सेंट सेम्पिज्जा ने स्वागत किया। विदेश मंत्री 15 अप्रैल को मोजाम्बिक में अपनी यात्रा का समापन करेंगे। ये यात्राएं दक्षिण-दक्षिण सहयोग को बढ़ाने के साथ-साथ अफ्रीका में भारत की साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
विदेश मंत्री जयशंकर इस समय युगांडा और मोजाम्बिक के दौरे पर।
कंपाला पहुंचने के बाद विदेश मंत्री जयशंकर ने राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी से मुलाकात की जिसमें उन्होंने पीएम मोदी की व्यक्तिगत बधाई दी। यह बैठक भारत और युगांडा के बीच लंबे समय से चली आ रही साझेदारी को प्रतिबिंबित करने के लिए भी महत्वपूर्ण थी। इसके अलावा बैठक में सहयोग के विभिन्न मुद्दों पर भी चर्चा हुई। विदेश मंत्री जयशंकर ने बैठक के बाद ट्वीट करते हुए कहा व्यापार और निवेश, बुनियादी ढांचे, ऊर्जा, रक्षा, स्वास्थ्य, डिजिटल और कृषि क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की। NAM की अध्यक्षता संभालने पर युगांडा को बधाई दी और संयुक्त राष्ट्र सहित बहुपक्षीय मंचों पर हमारे मजबूत समन्वय की पुष्टि की।
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दोनों देशों के बीच संस्कृति के संगम को देखते हुए विदेश मंत्री का यह दौरा भी खास है। सोमवार को उन्होंने युगांडा में भारतीय समुदाय से भी मुलाकात की जो वाराणसी के तुलसी घाट के जीर्णोद्धार का समर्थन करने के लिए एक साथ आए हैं। इस परियोजना को ‘ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी-युगांडा’ की पहल द्वारा दुनिया के सबसे पुराने विद्यमान शहर को और सुंदर बनाने में योगदान करने के लिए सफल बनाया जा रहा है। इस परियोजना के शुभारंभ के बाद विदेश मंत्री जयशंकर ने ट्वीट किया वाराणसी की विरासत का संरक्षण भारत के सांस्कृतिक पुनरुद्धार को रेखांकित करता है। इसका गहरा वैश्विक प्रभाव है।
रिपोर्ट-शाश्वत तिवारी